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वृद्ध महिला के इलाज के लिए नहीं मिली एंबुलेंस, ठेले पर लेटाकर 25 किमी ले गए अस्पताल

- कागजों में 13 से ज्यादा एंबुलेंस, 108 की भी सुविधा लेकिन समय पर नहीं मिल रही राहत- स्वास्थ्य सेवाओं पर हाल ही में खनिज निधि से तीन करोड़ रुपए किए थे स्वीकृत

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Shahdol health department news

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शहडोल. आदिवासी अंचल में लडखड़़ाई स्वास्थ्य व्यवस्था पर हाल ही में साढ़े तीन करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने के बाद भी हालात नहीं बदले हैं। रेफर के बाद एंबुलेंस न मिलने पर एक वृद्ध ठेले पर लेटाकर पड़ोसी महिला को इलाज कराने के लिए 25 किमी दूर दूसरी अस्पताल लेकर गया। मामला शहडोल के ब्यौहारी बाणसागर का है। जानकारी के अनुसार, देवलोंद क्षेत्र निवासी चटंगी गोड़ (50) के पेट में अचानक दर्द उठा था। परिजनों ने घरेलु इलाज किया लेकिन राहत नहीं मिली तो बाणसागर परियोजना अस्पताल देवलोंद लेकर पहुंच गए। अधिकारियों के अनुसार, 26 जून को वृद्ध महिला को बाणसागर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां वृद्ध महिला को राहत मिलने पर परिजन हाथ ठेला से ही घर ले गए थे। बाद में दोबारा हालत बिगड़ी तो परिजन ब्यौहारी अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया। इस दौरान एंबुलेंस न मिलने पर परिजन हाथ ठेला से ही 25 किमी दूर ब्यौहारी अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया। बाद में रामगोपाल यादव की मदद से वृद्ध महिला को हाथ ठेला में लेटाकर ब्यौहारी अस्पताल लेकर पहुंचे। मामले में परियोजना अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आईहै।

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घर ले जाते वक्त भी नहीं दी एंबुलेंस, ठेला से ले गए
परिजनों का कहना था कि बाणसागर परियोजना अस्पताल से ले जाते वक्त एंबुलेंस नहीं दी थी। बाद में ब्यौहारी अस्पताल ले जा रहे थे तब भी एंबुलेंस नहीं मिली थी। फोन भी नहीं था, न कोई मदद कर रहा था। महिला की हालत बिगड़ती जा रही थी। बाद में ठेला से ही अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया। महिला को हाथ ठेला से ले जाते का मामला तूल पकड़ते ही अधिकारियों ने आनन-फानन वृद्ध महिला को रवाना करा दिया। ब्यौहारी अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि वृद्ध महिला को शहडोल अस्पताल के लिए रेफर किया है, लेकिन महिला शहडोल अस्पताल में मौजूद ही नहीं मिली।

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दो अस्पतालों में लापरवाही, जारी होगा नोटिस
मामले में बाणसागर परियोजना अस्पताल और सरकारी अस्पताल देवलोंद के डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है। सीएमएचओ डॉ एमएस सागर के अनुसार, प्रथम दृष्टया लापरवाही मिलने पर दोनों अस्पताल के डॉक्टरों को नोटिस जारी कराया जा रहा है। जवाब मांगा जाएगा। इसके अलावा बाणसागर परियोजना अस्पताल प्रबंधन को भी पत्राचार किया है। जिसमें जानकारी मांगी है कि परियोजना अस्पताल में किन संसाधनों की कमी है। यहां पर एंबुलेंस और दवाइयों की उपलब्धता के लिए भी आदेश दिए हैं।

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डीएमएफ राशि से जमकर खरीदी, 13 एंबुलेंस, 2 शव वाहन
जिले में भारी भरकम डीएमएफ का बजट आता है। इसके अलावा उद्योग सीएसआर के माध्यम से खर्च कर रहे हैं। हाल ही में डीएमएफ की फाइल आगे बढ़ाते हुए साढ़े तीन करोड़ रुपए लचर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के नाम पर स्वीकृत कराया था। अधिकारियों की मानें तो 1 करोड़ की राशि स्वीकृत भी हो गई थी। दो करोड़ स्वास्थ्य सेवाओं के इन्फ्रा पर खर्च करने थे। रेकार्ड में 13 एंबुलेंस हैं। इसके अलावा विधायकों ने अपने-अपने मद से भी एंबुलेंस स्वीकृत कराए थे। दो शव वाहन भी हैं लेकिन न तो समय पर मरीजों को एंबुलेंस मिल रही है और न ही शव ले जाने के लिए वाहन मिल रहा है। अक्सर कभी ऑटो तो कभी निजी एंबुलेंस करके आदिवासी परिवार शव ले जाते हैं। एंबुलेंस भी समय पर नहीं मिलती है।

- इस संबंध में डॉक्टरों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा जा रहा है। मरीज को 26 को भर्ती करके घर भेज दिए थे। मरीज सीधे ठेला से अस्पताल ले जा रहा था। परियोजना अस्पताल को भी पत्राचार किया है। साथ ही एंबुलेंस और दवाइयों की उपलब्धता स्वास्थ्य विभाग से कराने की भी बात कही है।
डॉ एमएस सागर, सीएमएचओ शहडोल