30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अद्वितीय महिमा : हनुमान जी का वो मंदिर जहां से मुगल सेना को भी हटना पड़ा था पीछे

400 साल पुराने विजयपुर के छिमछिमा हनुमान मंदिर की है अद्वितीय महिमा..भादौ मास में यहां लगता है मेला

2 min read
Google source verification
sheopur.jpg

श्योपुर. हनुमान जी का जन्मोत्सव पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हनुमान जी के जन्मोत्सव के अवसर पर हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी अपनी अद्वितीय महिमा है। ये मंदिर है श्योपुर जिले के विजयपुर क्षेत्र का छिमछिमा हनुमान मंदिर। कहा जाता है कि इस मंदिर को तोड़ने के लिए जब मुगल सेना ने हमला किया तो उसे खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ा।

मंदिर तोड़ने आई मुगल सेना को हटना पड़ा था पीछे
स्थानीय लोगों के मुताबिक भारत में जब मुगल साम्राज्य था, उस समय संत समर्थ गुरु ने जगह-जगह हनुमान प्रतिमाओं की स्थापना की। इसी के तहत विजयपुर से 9 किमी दूर घने जंगल में छिमछिमा हनुमान की स्थापना हुई। कहा जाता है कि 17वीं शताब्दी में जब औरंगजेब ने पूरे भारतवर्ष में मूर्ति और मंदिर तोडने का अभियान चलाया था, उस समय मुगल सेना यहां भी आई। हनुमान जी की कृपा से मंदिर के आसपास एक किलोमीटर के दायरे में चारों ओर की जमीन मोम की हो गई, जिससे औरंगजेब की सेना आगे नहीं बढ़ सकी। मान्यता है कि हनुमान जी ने प्रकट होकर सेना को अंधा कर दिया, ऐसे करतब को देख सेना को उल्टे पैर वापस लौटना पड़ा। यही वजह है कि छिमछिमा हनुमान मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई।

यह भी पढ़ें- दहशतगर्दों को भोपाल का संदेश, हनुमान जयंती के जुलूस पर मुस्लिम भाईयों ने बरसाए फूल


छिमछिमा पर भादौमास में लगता है मेला
बताया जाता है कि वर्ष 1945 तक हनुमान जी का मंदिर एक पाटोरनुमा था, लेकिन उसके बाद मंदिर की भव्यता बढ़ती गई। हर साल भादौ मास की अमावस्या के बाद आने वाले पहले मंगलवार या शनिवार को यहां मेला लगता है। मान्यता है कि मंदिर परिसर में मौजूद प्राचीन कुंडों के पानी से कई तरह की बीमारियां दूर हो जाती है।

यह भी पढ़ें- हादसे के बाद बोले सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा, 'मेरे शिव ने जगदम्बा के साथ आकर गोद में ले लिया'


बड़ी खबरें

View All

श्योपुर

मध्य प्रदेश न्यूज़

ट्रेंडिंग