
MP Election 2023 : पोहरी विधानसभा सीट पर 78.38% मतदान, मुकाबला धाकड़ vs ब्राह्मण
मध्य प्रदेश के ग्वालियर संभाग में आने वाले शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा प्रदेश की उन सीटों में से एक है, जिनपर सियासी गुड़ाभाग जातीय समीकरणों के आधार पर तय होते हैं। इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के साथ साथ बसपा का भी खासा प्रभाव रहता है। इस बार भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सुरेश धाकड़ को पोहरी सीट से उम्मीदवार बनाया है, जबि कांग्रेस ने कैलाश कुशवाहा को उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है।
17 नवंबर को संपन्न हुए चुनाव में पोहरी विधानसभा सीट पर 78.38 फीसदी की वोटिंग दर्ज की गई है। वहीं, बात करें 2018 के वोट प्रतिशत की तो पिछली बार इस सीट पर 75.92 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2013 में यहां 73.45 प्रतिशत वोट पड़े थे। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता इस सीट से किस उम्मीदवार को चुनकर मध्य प्रदेश की विधानसभा पहुंचाती है।
विधानसभा के समीकरण
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के सुरेश धाकड़ ने जीत हासिल की थी। जबकि, इनके सामने बसपा के कैलाश कुशवाह रहे थे। हालांकि, सुरेश धाकड़ ने कांग्रेस छोड़ भाजपा की सदस्यता ले ली तो वहीं कैलाश कुशवाह ने बसपा का दामन छोड़ कांग्रेस ज्वाइन कर ली। अब ये दोनों उम्मीदवार एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं।
विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण
पोहरी विधानसभा क्षेत्र के जातिगण समीकरणों पर गौर करें यहां आदिवासी और धाकड़ मतदाता 38 - 38 हजार हैं। जबकि कुशवाह समाज के मतदाता 26 हजार हैं, यादव समाज के 18 हजार मतदाता हैं, जाटव समाज के मतदाताओं की संख्या 18 हजार है, जबकि ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 10 हजार है। पोहरी में ब्राह्मणों की संख्या कम होने के बाद भी विधानसभा के समीकरणों के साथ साथ उम्मीदवार भी अकसर यही चुनकर आते हैं।
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भाजपा के सुरेश धाकड़ राठखेड़ा
भाजपा की ओर से प्रत्याशी बनाए गए सुरेश धाकड़ राठखेड़ा इस सीट पर मौजूदा विधायक भी हैं। 2018 के चुना में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से चुनाव जीता था। लेकिन, 2020 में वो भाजपा में शामिल हो गए थे। जिसके बाद हुए उपचुनाव में भी उन्हें इस सीट पर दौबारा जीत हासिल हुई। सुरेश धाकड़ पिछले दिनो तब खासा चर्चा में आए थे, जब एक सभा के दौरान उन्होंने कमलनाथ को पापी कह दिया था। उन्होंने अपने संबोधन में कमलनाथ पर सरकार बनने के बाद शिवराज सरकार की योजनाएं बंद करने का पाप करने के आरोप लगाए थे।
कांग्रेस के कैलाश कुशवाहा
कांग्रेस की ओर से पोहरी सीट पर प्रत्याशी बनाए गए कैलाश कुशवाहा इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव और 2020 के उपचुनाव बसपा के टिकट पर लड़ चुके हैं। उन दोनों ही मौकों पर कैलाश कुशवाहा दूसरे स्थान पर रहे थे। लेकिन, पिछले दिनों उनके कांग्रेस में शामिल होने से एक तरफ उन्हें समाज वर्ग का समर्थन तो है ही साथ ही साथ कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने वाले मतदाताओं का साथ भी मिल सकता है। ऐसे में कैलाश कुशवाहा को यहां से टिकट देना कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
पोहरी विधानसभा के मतदाता
पोहरी का विधानसभा क्रमांक 24 है। विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 43 हजार 698 है। इनमें पुरुष मतदाता 1 लाख 29 हजार 726 हैं। जबकि महिला मतदाता 1 लाख 13 हजार 915 हैं। वहीं, विधानसभा में 7 थर्ड जेंडर हैं।
विधानसभा की जनता की आवाज
- पोहरी में पीने के पानी की समस्या अधिक है। इस बार जनता उस प्रत्याशी को चुनने का मन बनाए हुए है जो इन समस्याओं का निदान कराने की गारंटी दे।
- यहां की बदहाल सड़कों ने आमजन की परेशानी बढ़ा दी है। ऐसे में चुने जाने वाले जम प्रतिनिधि को सड़कों के सुधार की गारंटी देनी होगी।
- जिले में उद्योग धंधे न होने की वजह से बेरोजगारी की समस्या है, तथा लोगों को रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता है।
- शिवपुरी को पर्यटन नगरी कहा जाता है, लेकिन पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए किसी ने कोई पहल नहीं की।
इस बार हर सीट पर कांटे की टक्कर
6 जनवरी 2024 को मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। उससे पहले 3 दिसंबर को चुनाव आयोग नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लेगा। 17 नवंबर को पूरे प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 230 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। चुनाव से पहले अबतक सामने आए सर्वेक्षणों में ये पता चला है कि इस बार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान कांग्रेस और भाजपा के बीच हर सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
Updated on:
02 Dec 2023 08:32 pm
Published on:
04 Nov 2023 08:48 pm
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