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6 मिनट की गड़बड़ी करके खुल गई पुलिस की पोल, दोषमुक्त हो गया आरोपी

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एडवोकेट अजय गौतम ने पुलिस की कार्रवाई में 6 मिनट की गड़बड़ी पकड़ी और पुलिस के खेल का खुलासा हो गया।

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6 मिनट की गड़बड़ी करके खुल गई पुलिस की पोल, दोषमुक्त हो गया आरोपी

शिवपुरी. कहते हैं कि यदि डॉक्टर अच्छा हो तो मौत के मुंह से वापस ले आता है और वकील अच्छा हो तो जेल के दरवाजे से। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में एडवोकेट अजय गौतम ने पुलिस की कार्रवाई में 6 मिनट की गड़बड़ी पकड़ी और पुलिस के खेल का खुलासा हो गया। एक निर्दोष जेल जाने से बच गया। कोर्ट ने उसे दोषमुक्त घोषित किया है।

बता दें कि, करीब तीन साल पहले 7 अप्रैल 2019 को लालगढ़ प्रतीक्षालय पर गश्त के दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि, एक व्यक्ति लोहे का धारदार हथियार हाथ में लिए वारदात की नीयत से तानपुर मौजा की पुलिया तानपुर-पिपरसमा रोड पर खड़ा है। पुलिस के पहुंचने पर एक व्यक्ति मौके से भागने लगा, उसके हाथ में छुरा था। पुलिस ने छुरा कब्जे में लेकर पूछताछ की तो युवक का नाम गणेशीलाल धाकड़ निवासी तानपुर का हार ग्राम तानपुर थाना सिरसौद जिला शिवपुरी होने के पता चला। मौके पर ही पुलिस ने जब्ती पंचनामा और गिरफ्तारी पंचनामा बनाया और अन्वेषण के उपरांत आरोपी के विरुद्ध आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर केस न्यायालय भेजा।

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आरोपी पक्ष के एडवोकेट अजय गौतम के अनुसार, FIR में घटना का समय रात 12.30 बजे से 12.45 के बीच दर्ज किया गया है। चालान डायरी के अनुसार, गिरफ्तारी का समय 12.45 मिनट दर्ज हैं। लेकिन, हथियार जब्त करने का समय 12 बजकर 40 मिनट लिखा है। यानी पुलिस ने गिरफ्तारी से 5 मिनट पहले हथियार जप्त कर लिया। ऐसा कैसे संभव है? कोर्ट में क्रॉस क्वेश्चनिंग के दौरान इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर ने बताया कि, वो घटनास्थल पर 12 बजकर 46 मिनट पर पहुंचे थे। इस हिसाब से गिरफ्तारी 12 बजकर 46 मिनट के बाद होनी चाहिए थी और उसके बाद हथियार जब्त होने चाहिए थे।

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पुलिस के दावे का समर्थन नहीं करते- कोर्ट

समय के इस हेरफेर की वजह से कोर्ट ने माना कि, डाक्यूमेंट्स, पुलिस के दावे का समर्थन नहीं करते। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अंशुल मंगल ने अवैध हथियार लेकर सार्वजनिक स्थान पर उपस्थित होने के आरोपी गणेशीलाल धाकड़ को दोषमुक्त (बरी) कर दिया।

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