
फतेहपुर (सीकर). पूरी दुनिया में आतंकवाद एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान तो आतंकवाद की नर्सरी बन चुका है। भारत में 26/11 मुम्बई आतंकी हमला हो या 13 दिसम्बर 2001 का संसद भवन हमला या फिर दुनिया में अन्य जगहों पर हुए आतंकी हमले। अधिकांश आतंकी हमलों के गुनहगार मुस्लमान थे।
कुछ ऐसी ही बात ऑल इंडिया उलेमा एंड मशाइख बोर्ड के यूथ विंग के अध्यक्ष मौलाना सैयद आलम गीर अशरफ ने कही है। मौलाना अशरफ राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर कस्बे में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए थे।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आतंकवाद का पूरा आरोप सिर्फ मुस्लमानों पर लगाया जाए तो यह कहीं ना कहीं गलत है। यह जरूर है कि ज्यातादर आतंकवाद की घटनाएं हुई हैं, वो मुस्लमानों की तरफ से हुई हैं। ये साफ बात है कि जो आतंकवाद की घटनाएं करते हैं, उनका इस्लाम से कोई ताल्लुकात नहीं है। इसलिए कि इस्लाम हो या फिर कोई और धर्म हमें किसी को भी मारने की इजाजत नहीं देता है।
आप पूरी दुनिया में देखें कि आतंकी मुस्लमानों को भी अपना निशाना बनाते हैं। किसी दरगाह में बम बलास्ट हो या पाकिस्तान में बच्चों पर आतंकी हमले की घटना। अफगानिस्तान एयरपोर्ट पर हुए बम धमाके या सिरिया में जो रहा है। इन सब में मारे गए हैं वो सारे मुस्लमान हैं। तो इस्लाम कैसे कहेगा कि तुम मुस्लमानों को मारो। इसलिए आतंकियों का अपना खुद का धर्म है। इनका अपना मजहब है। ये ठीक है कि आतंकियों के नाम मुस्लमानों के हैं, मगर इस्लाम से इनका कोई ताल्लुक नहीं है।
Published on:
17 Jan 2018 01:48 pm
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