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राजस्थान के 9 जिलों की ‘पहचान’ पर भी संकट, भजनलाल सरकार की इस योजना पर फंसा पेंच; ऐसे समझें जनता का दर्द

Panch Gaurav Yojana: राजस्थान में नौ जिले और तीन संभाग खत्म कर सियासी सर्जरी करने वाली भजनलाल सरकार की पंच गौरव योजना भी अब उलझ गई है।

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सीकर

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Anil Prajapat

Jan 18, 2025

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अजय शर्मा
सीकर। राजस्थान में नौ जिले और तीन संभाग खत्म कर सियासी सर्जरी करने वाली भजनलाल सरकार की पंच गौरव योजना भी अब उलझ गई है। दरअसल, सरकार ने सभी जिलों की खास पहचान के जरिए अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज दिलाने के लिए पिछले साल ’पंच गौरव योजना’ का नवाचार किया था।

अब नौ जिले रद्द होते ही इस योजना में भी पेच उलझ गया है। सवाल यह है कि इन जिलों के पंच गौरव बदलेंगे या फिर सरकार इस योजना में पुराने जिलों को भी शामिल रखेगी।

नीमकाथाना, गंगापुर, अनूपगढ़, सांचौर सहित अन्य जिलों के लोगों का कहना है कि सरकार ने जिले तो रद्द कर दिए, लेकिन पंच गौरव योजना को आगे बढ़ाए तो विकास की संभावना बनी रह सकती हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने हैं हमारे उत्पाद

पंच गौरव योजना के जरिए हमारे पर्यटन स्थलों से लेकर खेल व उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच सकते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तरीके से कोटा डोरिया के लिए और बीकानेर नमकीन के लिए देशभर में मशहूर है। बूंदी बासमती चावल, अजमेर जटिल संगमरमर के काम से लेकर तथा बारां कृषि उत्पादों के लिए जाना जाता है।

इन जिलों की पहचान पर आया संकट

पिछली सरकार के समय बने नीमकाथाना, दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर जिलों को खत्म कर दिया था। इससे अब इन जिलों की पहचान को आगे बढ़ाने वाली पंच गौरव योजना पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।

ऐसे समझें जिलों की जनता का दर्द

1. हमारी पहचान अब कैसे होगी मजबूत

नीमकाथाना जिले की पंच गौरव योजना में खनिज के तौर पर फेल्सपार, पैदावार के तौर पर आंवला, खेल के लिए कुश्ती व प्रजाति में नीम, पर्यटन में मनसा माता का चयन हुआ था। जिला बरकरार रहता तो इन पांचों पहचानों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार बजट का प्रावधान करती।

2. फिर कैसे बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

गहलोत सरकार ने सवाई माधोपुर से अलग कर गंगापुर सिटी को भी नया जिला बनाया था। यहां पंच गौरव में उत्पाद के तौर पर खीरमोहन, उपज में सरसो, खेल में ताईक्वाण्डो व वनस्पति में शीशम को शामिल किया गया। अब गंगापुर सिटी जिले को रद्द कर वापस सवाईमाधोपुर में मिला दिया गया है।

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यह है पंच गौरव योजना

राज्य सरकार ने पिछले साल पंच गौरव योजना का ऐलान किया था। इसके तहत राज्य सरकार ने हर जिले में एक उपज, एक वानस्पतिक प्रजाति, एक उत्पाद, एक पर्यटन स्थल एवं एक खेल पर विशेष फोकस का ऐलान किया था। सरकार ने दावा किया था कि पंच गौरव के लिए अलग से बजट भी दिया जाएगा।

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एक्सपर्ट व्यू…

सरकार ने सभी जिलों में रोजगार के नए विकल्प शुरू करने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए पंच गौरव योजना शुरू की थी। सरकार ने भले ही जिले रद्द कर दिए, लेकिन पंच गौरव को पिछले जिलों की संख्या के आधार पर आगे बढ़ाना चाहिए। इससे राजस्थान की अर्थव्यवस्था और मजबूत हो सकेगी।
-गणेश कुमार शर्मा, सेवानिवृत्त उपनिदेशक, सीकर