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अकेले सीकर जिले में 11000 बेरोजगारों को 10 महीने से भत्ते का इंतजार, साढ़े छह हजार 14 महीने से कतार में

बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलने की वजह से योजना में दो साल पूरे कर चुके लाभार्थी योजना से बाहर भी नहीं किए जा सक रहे हैं। ऐेसे में उनकी सीट के लिए कतार में खड़े बेरोजगारों का इंतजार व संख्या भी बढ़ती जा रही है।

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सीकर

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Santosh Trivedi

Dec 06, 2024

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केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को त्योहारी तोहफा दिया है। (फोटो सोर्स : फ्री पिक)

सीकर. बेरोजगारों के लिए अब बेरोजगारी भत्ता भी परेशानी का सबब बन गया है। प्रदेश में इस साल फरवरी महीने के बाद का किसी भी बेरोजगार को भत्ता नहीं मिला है। जबकि उसके लिए जरूरी इंटर्नशिप बेरोजगार लगातार कर रहे हैं। अकेले सीकर जिले में करीब 11 हजार बेरोजगारों को करीब 26 करोड़ रुपए के भत्ते का इंतजार है। बड़ी समस्या ये भी है कि भत्ता नहीं मिलने से योजना में दो साल पूरे कर चुके बेरोजगारों को भी योजना से नहीं हटाया जा सक रहा है। ऐसे में भत्ते के लिए कतार में लगे नए बेरोजगारों की संख्या व इंतजार भी बढ़ता जा रहा है।

यह है योजना

पिछली गहलोत सरकार की मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना के तहत पुरुष बेरोजगारों को तीन तथा महिला एवं विशेष योग्यजन बेरोजगारों को 3500 रुपए प्रतिमाह भत्ता दिया जाता है। 2022 में संशोधन के बाद योजना में दो साल के भत्ते के लिए बेरोजगारों को पंचायत राज के अधीन विभागों में दो साल की अवधि तक चार घंटे की इंटर्नशिप प्रतिदिन करनी पड़ती है। पर इंटर्नशिप लगातार जारी रहने के बाद भी योजना में चयनित जिले के करीब 11 हजार बेराजगारों का भत्ता जनवरी महीने से नहीं मिला है।

जनवरी बाद नहीं मिला भत्ता

रोजगार कार्यालय के मुताबिक जिले में बेरोजगारी भत्ता सामान्य व ओबीसी वर्ग के बेरोजगारों को तो जनवरी महीने के बाद से नहीं मिला है। जबकि एससी व एसटी वर्ग के बेरोजगार अभ्यर्थियों को ये फरवरी महीने तक का ही मिला है। ऐसे में उन्हें भी 10 महीने से भत्ते का इंतजार है।

6631 बेरोजगारों को अप्रूवल का इंतजार

बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलने की वजह से योजना में दो साल पूरे कर चुके लाभार्थी योजना से बाहर भी नहीं किए जा सक रहे हैं। ऐेसे में उनकी सीट के लिए कतार में खड़े बेरोजगारों का इंतजार व संख्या भी बढ़ती जा रही है। सीकर की ही बात करें तो पिछले साल अक्टूबर महीने में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को ही नई अप्रुवल नहीं मिलने से 6631 बेरोजगार अधर में अटके हुए हैं। प्रदेश में करीब एक लाख से ज्यादा बेरोजगार इस कतार में है।

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इनका कहना है

जब बेरोजगारों की इंटर्नशिप लगातार चल रही है तो सरकार को भत्ता भी मासिक रूप से जारी करना चाहिए। रोजगार नहीं मिलने पर बेरोजगार पहले से परेशान रहते हैं, उस पर समय पर भत्ता नहीं मिलने से उनकी अर्थ व्यवस्था ज्यादा प्रभावित होती है। सरकार को प्रदेश के सभी बेरोजगारों को योजना में शामिल करते हुए व्यवस्था में सुधार करना चाहिए।
प्यारेलाल गहलोत, पूर्व जिलाध्यक्ष, राजस्थान एकीकृत बेरोजगार संघ, सीकर