न्यायालय ने यह सुनाई सजा
न्यायालय ने आरोपित करण उर्फ कालू उर्फ कालिया को भादसं की धारा 363 के तहत सात वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माना। धारा 366 के तहत दस वर्ष के कठोर कारावास व पांच हजार रुपए का अर्थदंड। धारा 376 के तहत आजीवन कारावास …नैसगिक जीवन की शेष अवधि के लिए जेल…व जुर्माना की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड की राशि पीडि़ता के प्राकृतिक संरक्षक को दिलवाई जाए। राजस्थान पीडि़त प्रतिकर विनियम, 2011 के तहत पीडि़ता को अंतरिम प्रतिकर राशि के रूप में ढाई लाख रुपए की राशि पीडि़ता की मां को दिलवाई जा चुकी है। अंतिम प्रतिकर की राशि के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को न्यायालय ने अनुशंषा की है।
राजस्थान में पहली बार बलात्कारी को पांच दिन में मिली सजा, रात आठ बजे तक खुला रहा कोर्ट, चार साल की मासूम को मिला न्याय
दिनभर गहमागहमी…रात तक टिकी रही निगाहें
चार वर्षीय मासूम से बलात्कार के मामले में सोमवार को पोक्सो कोर्ट में दिनभर गहमागहमी का माहौल रहा। मामले के फैसले को लेकर सुबह से ही लोगों की न्यायालय की कार्रवाई पर नजर टिक गई। अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण लोग जानना चाहते थे कि इस मामले में फैसला आएगा कि नही। लेकिन न्यायमित्र गंगाधर सैनी ने समय पर न्यायालय आकर बहस शुरू कर दी। दोपहर बाद आरोपी कालिया को न्यायालय लाया गया तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ एकत्र हो गई। इसके बाद रात आठ बजे तक फैसले का इंतजार किया जाता रहा। सीकर का यह पहला मामला है, जिसमें रात आठ बजे तक न्यायालय की कार्यवाही चली हो। लोक अभियोजक शिव रतन शर्मा ने कहा कि इस फैसले से समाज में नया संदेश जाएगा।
धार्मिक स्थलों पर ऐसे जघन्य अपराध होने से श्रद्धालुओं की आस्था पर भी चोट पहुंचाते है। इसलिए पुलिस और नगरपालिका को समय रहते किराएदरों और धर्मशाला, दुकान आदि पर काम करने वालों की पहचान के दस्तावेज लेने चाहिए। -नरेश रामूका (नगर अध्यक्ष, कांग्रेस कमेटी खाटूश्यामजी)
मासूम के साथ दुष्कर्म जैसे घोर अपराधों को रोकने के लिए धर्मशाला, होटल, भोजनालय आदि में काम करने वाले व्यक्तियों सहित किराएदारों की सूची तैयार करवाने का प्रस्ताव लिया जाएगा। -ऋतु पुजारी (चेयरमैन, नगरपालिका खाटूश्यामजी)