सीकर में पुलिस के हत्थे चढ़े पहले गिरोह का मुख्य सरकना संदीप बगडिय़ा है। उसकी सीकर में डिफेन्स एकेडमी सहित कई कोचिंग में साझेदारी है। दिूसरे गिरोह का सरगना सुनील कुमार है। वह भी करीब एक करोड़ रुपए में पेपर लाने वाला था। जिन दलालों से इनकी पेपर को लेकर बात हो रही थी उनको पुलिस तलाश कर रही है। जल्द ही पुलिस इस मामले में कई और बदमाशों को गिरफ्तार कर सकती है। गुरुवार देर रात से शुरू हुआ पुलिस का सर्च ऑपरेशन दूसरे दिन भी जारी रहा। पुलिस को दलालों से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए है।
50 अभ्यर्थी जोड़ो, दो करोड़ आ जाएंगे
गिरोह के सरगना संदीप व सुनील के अधीन जगदीश जाट, अशोक यादव व आसाराम मीणा काम कर रहे थे। इनके भी अलग अलग गिरोह थे लेकिन यह एक दूसरे के संपर्क में थे। इन्होंने अपने अपने गिरोह को कम से कम 50 अभ्यर्थियों से पैसे लेने का टारगेट दिया था। एक-एक अभ्यर्थी से चार से छह लाख रुपए लेने थे। इनका लक्ष्य था कि दो करोड़ रुपए इक_े करेंगे जिनमें से एक करोड़ में पेपर खरीदा जाएगा और एक करोड़ के हिस्से कर लेंगे। गुरुवार रात को इनकी मीटिंग में तय होना था कि पेपर लेने कौन कहां जाएगा और किस तरह अभ्यर्थियों तक पहुंचाया जाएगा।
वाट्सऐप पर एडमिट कार्ड, उसी के जरिए पहुंचना था पेपर
आरोपी संदीप के मोबाइल में पुलिस को करीब सैकड़ों अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड मिले हैं। जिन अभ्यर्थियों से उसकी बात हो गई थी वह उनसे एडमिट कार्ड मंगवा रहा था। सभी आरोपी वाट्सएप के जरिए ही बातचीत करते थे। जिससे कोई उनकी बात रिकॉर्ड भी नहीं कर सके। पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस पर लिए थे आरोपी धरे गए।
झुंझुनूं व जोधपुर के कोचिंग संस्थानों में भी संपर्क
सूत्रों की माने तो गिरोह के सरगना संदीप बगडिय़ा के झुंझुनूं व जोधपुर के कुछ कोचिंग संस्थानों में भी संपर्क हैं। वह वहां के अभ्यर्थियों को भी पेपर उपलब्ध करवाने वाला था। बताया जा रहा है कि उसके पकड़ में आने के बाद कई अभ्यर्थी भी झुंझुनूं व जोधपुर गए हैं और अभी भी वहां के दलालों से संपर्क कर पेपर लाने की जुगत में हैं।
जिस पर इनाम, उसका एक भी गुर्गा नहीं
राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र आउट करने का मास्टर माइंड जगदीश विश्नोई का एक भी गुर्गा पुलिस के हाथ नहीं लगा है। सूत्रों का दावा है कि इनाम घोषित होने के बाद विश्नोई ने पुलिस भर्ती से अपना जाल वापस खींच लिया है। सीकर में पकड़े गए दलालों ने विश्नोई गैंग के बजाय दूसरे राज्यों से पेपर लाने की बात भी कही है। कुछ ने पश्चिमी राजस्थान से प्रश्न पत्र लाने की बात कही है।
कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में नकल कराने व पेपर आउट की फिराक में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ जारी है। प्रांरभिक तौर पर सामने आया कि यह एक-एक करोड़ रुपए में पेपर का सौदा करने वाले थे। इसके लिए वह हर अभ्यर्थी से चार से पांच लाख रुपए ले रहे थे। इनकी पेपर को लेकर किससे डील हुई यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।
महावीर सिंह राठौड, शहर कोतवाल, सीकर
परीक्षा से एक दिन पहले देना था पेपर
दलालों ने ज्यादातर अभ्यर्थियों से परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र देने का वादा किया था। इनमें से एक दलाल की सीकर व जयपुर की होटलों में प्रश्न पत्र हल कराने की योजना थी। यह भी प्लान किया था कि प्रश्नपत्र हाथ नहीं लगता है तो मॉडल प्रश्न पत्र देने की तैयारी थी।
यह हुए शांतिभंग में गिरफ्तार
गिरोह से जुड़े मुख्य बदमाशों के अलावा पुलिस ने छह लोगों को शांतिभंग के आरोप में भी गिरफ्तार किया है। इनमें खंडेला का राममोहन, सांवलोदा का राकेश, दादिया का कृष्ण गढ़वाल,खिरोड़ का सत्यपाल, नांगल नाथूसर का महेंद्र व बेरी का दिनेश शामिल हैं।
डेढ़ दर्जन अभ्यर्थियों से 18 लाख लिए
सदर थाना पुलिस ने जेरठी गांव के महावीर को देर रात गिरफ्तार किया। वह अपना अलग गिरोह चला रहा था। इसके साथ सांवलोदा धायलान का सुभाष जाट भी था। इन्होंने अभ्यर्थियों से पैसे भी एडवांस में लिए थे। आरोपी महावीर ने अपनी जान पहचान के करीब डेढ़ दर्जन लोगों से पैसे ले लिए थे। वह लोगों से 18 लाख रुपए ले चुका था। एक-एक अभ्यर्थी से चार से पांच लाख रुपए में उसकी बात हुई थी।
बाकी के पैसे वह गुरुवार को ही लेने वाला था। गुरुवार शाम को पैसे लेता इससे पहले ही पुलिस ने उसको दबोच लिया। उससे पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसने मदन मिस्त्री नाम के किसी व्यक्ति के जरिए दलाल राजेंद्र से संपर्क किया था। राजेंद्र इनको पेपर लाकर देने वाला था। महावीर को गिरफ्तार करने के बाद से ही राजेंद्र फरार हो गया है। पुलिस उसको तलाश कर रही है। पुलिस का कहना है कि गुरुवार शाम को ही महावीर व उसके साथी करीब 50 लाख रुपए और लेने वाले थे। कोर्ट ने महावीर को जेल भेज दिया और सुभाष से पूछताछ जारी है।