scriptVIDEO : सीकर में यहां बड़े शहरों की तर्ज पर बन रहा शानदार अंडरपास, जानिए इसकी खासियत | Radhakishanpura Railway underpass under construction in sikar | Patrika News

VIDEO : सीकर में यहां बड़े शहरों की तर्ज पर बन रहा शानदार अंडरपास, जानिए इसकी खासियत

locationसीकरPublished: Nov 02, 2018 01:37:45 pm

Submitted by:

vishwanath saini

sikar underpass : राधाकिशनपुरा की तरफ जाने वाले रास्ते बन रहा यह अंडरपास शहर के चार वार्डों के चालीस हजार लोगों की राह आसान करेगा।

Radhakishanpura Railway underpass under construction in sikar

Radhakishanpura Railway underpass under construction in sikar

सीकर.

सीकर जिला मुख्यालय पर रेलवे की तरफ से शानदार अंडरपास बनाया जा रहा है। एसके अस्पताल की ओर से राधाकिशनपुरा की तरफ जाने वाले रास्ते बन रहा यह अंडरपास शहर के चार वार्डों के चालीस हजार लोगों की राह आसान करेगा। हालांकि फिलहाल दीपावली पर इस सुगम रास्ते की उम्मीद रेलवे की ढिलाई में अटक गई है।

राधाकिशनपुरा फाटक पर अंडरपास का निर्माण रेलवे पांच माह बाद भी पूरा नहीं कर पाया है। गत 22 मई को शुरू हुआ यह कार्य दो माह में पूरा करना था।

sikar underpass

क्षेत्र के लोगों को दीपावली पर यह रास्ता खुलने की उम्मीद थी। इसकी वजह यह थी कि अंडरपास का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। फाइबर सीट लगाना बाकी है। लेकिन रेलवे क्लियरेंस मिलने के बाद ही इसे आमजन के लिए खोलेगा।

पांच किलोमीटर का चक्कर, लाखों का खर्च

अंडरपास की इस समस्या से क्षेत्र के चार वार्ड के लोग परेशान है। रेलवे के वर्ष 2013 के सर्वे के अनुसार इस फाटक से प्रतिदिन 39 हजार वाहन गुजरते थे। शहर में आबादी और वाहनों के विस्तार की स्थति को देखा जाए तो पांच वर्ष में यह आंकड़ा डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ गया।

radhakishanpura underpass

वाहन और क्षेत्र के लोग पिछले पांच माह से नवलगढ़ रोड पुलिया और पुरोहितजी की ढाणी के रास्ते से शहर में आने के मजबूर है। एक औसत आंकड़ा देखा जाए तो प्रत्येक वाहन चालक चार से पांच किलोमीटर का चक्कर लगाकर शहर में पहुंच रहा है। ऐसे में पांच माह में करोड़ों रुपए का पेट्रोल-डीजल का भार जनता पर पड़ गया।

जोखिम में जान डाल कर रहे हैं पटरी पार

राधाकिशनपुरा रेलवे फाटक पर अंडरपास का निर्माण पूरा नहीं होने से वाहनों का संचालन शुरू नहीं हो पाया है, लेकिन हजारों यात्री हर दिन जान जोखिम में डालकर पटरी पार कर रहे हैं। यात्री पटरी पार करने के बाद अंडरपास के पास संकरे और जोखिम भरे रास्ते से भी जा रहे हैं।

sikar railway underpass

गुरुवार को पत्रिका टीम ने पटरी पार कर रहे लोगों से बात की तो उनका कहना था कि पैदल पांच किलोमीटर का चक्कर लगाकर आना संभव नहीं है। ऐसे में वे यह जोखिम भोग रहे हैं। अंडरपास के मुहाने पर महज दो फिट की पगडंडी है। यहां पर पैर फिसलने पर व्यक्ति सीधा अंडरपास में गिरता है। जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।

कार्यालयों का रास्ता
आरटीओ, समाज कल्याण, सिंचाई विभाग, अम्बेडकर छात्रावास साहित आधा दर्जन से अधिक स्कूल व निजी कॉलेजों का यह मुख्य रास्ता है। रेलवे ने 21 मई को यह रास्ता बंद कर दिया था। ऐसे में इन कार्यालयों में जाने वाले लोगों के साथ विद्यार्थी वर्ग भी प्रभावित है।

sikar railway

अंडरपास की निकासी खतरनाक
अंडरपास के निर्माण में निकासी के रास्ते पर स्लोब खतरनाक है। यहां पर खड़े स्लोब के साथ घुमाव भी है। दूसरा यहां आने-जाने के लिए अलग लाइन तय है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

ट्रेंडिंग वीडियो