
सीकर: आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को और मजबूत बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। शासन सचिव के आदेश के बाद शिक्षा निदेशालय ने ताजा निर्देश जारी किए हैं, जिनमें स्पष्ट किया गया है कि अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक आंगनबाड़ी केंद्रों के पांच से छह साल के बच्चों को पढ़ाएंगे।
शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार, जिन आंगनबाड़ी केंद्रों का सरकारी स्कूलों से भौतिक या प्रशासनिक समन्वय है, वहां के बच्चों को लेवल-1 शिक्षक ग्रेड थर्ड बतौर मेंटोर पढ़ाएंगे। इस व्यवस्था का मकसद बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा की बेहतर नींव देना और उन्हें विद्यालय में प्रवेश के लिए तैयार करना है।
निर्देश में कहा गया है कि पांच से छह वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को विद्यालयीन वातावरण से जोड़ने के लिए शिक्षकों की जिम्मेदारी तय की गई है। इसके लिए सभी संभागीय संयुक्त निदेशकों को पत्र जारी कर अनिवार्य रूप से इस व्यवस्था को लागू करने के आदेश दिए गए हैं।
योजना के तहत शिक्षक न केवल बच्चों को पढ़ाएंगे बल्कि उन्हें मार्गदर्शन भी देंगे ताकि वे आगे की कक्षाओं के लिए मानसिक और शैक्षिक रूप से तैयार हो सकें। इससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी और प्राथमिक शिक्षा का स्तर भी सुधरेगा।
शिक्षा विभाग का मानना है कि सरकारी स्कूलों के प्रशिक्षित शिक्षकों के मार्गदर्शन से आंगनबाड़ी केंद्रों के छोटे बच्चों की नींव मजबूत होगी। इस पहल से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि बच्चों का नामांकन और विद्यालय से जुड़ाव भी सुनिश्चित होगा।
Published on:
06 Sept 2025 09:12 am
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