31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बॉर्डर पर शहीद हुए फौजी के पिता अब अफसरों से ये जंग लडऩे को हो रहे मजबूर

न्याय की लड़ाई लडऩे के लिए नौ दिन से लगातार भूख हड़ताल पर बैठे है शहीद के पिता नेहरु पार्क में शहीद सुनिल कुमार यादव की मूर्ति लगाने की मांग  

3 min read
Google source verification
Neemkatha

नीमकाथाना.

एक मां का लाल तो देश के लिए शहीद हो गया...दूसरी तरफ उसके सम्मान कि लिए पिता अपने साथी के साथ कडकड़़ाती सर्दी में सडक़ पर नौ दिनों से भूख हड़ताल पर बैठा है। दिनों दिन शहीद पिता सांवलराम यादव व उनके साथी सुग्गाराम की तबीयत में गिरावट आती जा रही है।

Photos : इस फौजी को शहादत के डेढ़ साल बाद माना गया शहीद, अब परिजन इसलिए आंसू बहाने को हो रहे मजबूर

बावजूद इसके जिम्मेदार शहीद सुनिल कुमार यादव की मूर्ति नेहरु पार्क में लगाने सहित पांच सूत्री मांगों के समाधान के लिए आगे नहीं आ रहे। नगर पालिका के सामने शहीद बचाओ संघर्ष समिति का धरना पिछले पन्द्रह दिनों से लगातार चल रहा है। प्रतिदिन कोई न कोई संगठन समिति को समर्थन देने के लिए आगे आ रहा। भूख हड़ताल पर बैठे शहीद के पिता सांवलराम यादव सोमवार को सुबह ये कहते हुए फफक पड़े कि कलेजे का टुकड़ा देश के लिए शहीद हो गया, मेरी उसको सम्मान दिलाने में धरने पर ही जान क्यों न निकल जाए....।

शहीद बेटे के सम्मान के लिए आठ दिन से भूखा बैठा है पिता, अफसरों का नहीं पसीज रहा दिल

उल्लेखनीय है कि तीन साल पहले शहीद हुए सुनील यादव के पिता सांवलराम यादव अपने बेटे की याद में शहर के नेहरू पार्क में उसकी मूर्ति लगवाना चाहते हैं, लेकिन पालिका प्रशासन इसके लिए जमीन नहीं दे रही।

VIDEO सीकर एक्सीडेंट : फिर यमराज बनकर दौड़ी लोक परिवहन बस में हादसे के बाद लगी आग, यात्रियों ने खिड़की से कूदकर बचाई जान

पालिका में कांग्रेस पार्षदों ने राजनीतिक मतभेद के कारण शहीद मूर्ति के प्रस्ताव को खारिज किया है। इससे बड़ा शहीद का अपमान हो नहीं सकता है। शहीदों के सम्मान के लिए इतना बड़ा आंदोलन किया जाएगा की जिम्मेदारों को सीट छोडऩे को मजबूर होना पड़ेगा।
संजय यादव,अध्यक्ष यादव महासभा


यह आंदोलन अपने हित के लिए नहीं लड़ा जा रहा है बल्कि शहीदों के सम्मान के लिए किया जा रहा है। नगर पालिका प्रशासन शहीद सुनिल यादव की मूर्ति के लिए पार्क में जगह जल्द आंवटन करें। अन्यथा वह दिन अब दूर नहीं होगा जब जनता खड़ी हो जाएगी ओर उनको छुपने को जगह नहीं मिलेगी।
सुनिल शर्मा,डाबला


अगर पालिका प्रशासन ने जल्द मामले में कोई रुचि नहीं ली तो जनता उग्र आंदोलन को तैयारी करेगी। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की स्वयं की होगी। जिम्मेदारों को ये नहीं पता की इस जनता जनार्दन में इतनी ताकत है कि इस कुर्सी को उखाड़ कर फेंक देगी। अब युवा शक्ति का खून उबलने लग गया है। प्रशासन शहीद के नाम पर जमीन अलौट करें तो ही फायदा है।
रामरतन यादव,पाटन


शहीदों ने तो सीमा पर अपनी जान दे दी,मगर उनको सम्मान दिलाने के लिए शहीद पिता को सडक़ पर बैठ कर अनशन करना पड़ रहा है इससे बढ़ कर कोई शर्म की बात नहीं हो सकती है। नगर पालिका प्रशासन द्वारा खारिज किए गए मूर्ति के प्रस्ताव को वापस लेने में ही फायदा रहेगा।
राजपाल डोई, देवा सेना


महापुरुषों ने कभी सोचा नहीं होगा की अपने नाम को लेकर जनप्रतिनीधि ऐसी गंदी राजनीति करेंगे की दो समाज आपस में लडऩे को मजबूर होंगे। पालिका प्रशासन को शहीदों को सम्मान देना ही पड़ेगा
प्रवीण जाखड़, जिला परिषद सदस्य


सीमा पर अपनी जान की परवाह किए बीना होने वाले शहीद को मूर्ति के लिए जमीन मांगने के लिए इतना संघर्ष करना पड़ रहा है। इससे ज्यादा कोई शर्म की बात नहीं है। जो शहीदों को सम्मान नहीं देना जानता उसका जीने का अधिकार नहीं है।
करण सिंह बोपिया,समाज सेवी


बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि शहीदों के सम्मान के लिए हम सब को इतनी लड़ाई लडऩी पड़ रही है। सब एक जुट होकर शहीदों को सम्मान दिला कर ही रहेंगे।
गोपाल सैनी, सरपंच

देश पर कुर्बान होने वाले जो मां के लाल शहीद हुए है उनकी प्रतिमा के लिए जितना संघर्ष किया जा रहा है इससे ज्यादा कोई शर्म की बात नहीं है। पालिका प्रशासन को शहीद मूर्ति के लिए जल्द से जल्द जमीन अलौट कर उनको सम्मान में भागीदर निभानी चाहिए।
इजी. धर्मपाल गुर्जर

नगर पालिका प्रशासन को शहीद के सम्मान में आगे आना चाहिए। अगर नीमकाथाना की जनता अपनी पर आ गई तो नेहरु पार्क में अपने आप शहीद की मूर्ति लग जाएगी।
विनोद जाखड़, सरपंच