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Rajasthan: न सड़क न अस्पताल…. हाय रे सरकार! बीमार दादी को पीठ पर लादकर एक किमी ले गया पोता

यह तस्वीर गांव की सोलंकीफली की है। जहां चिकित्सा सुविधा नहीं होने से पोता कालाराम अपनी 70 वर्षीय बीमार दादी सोमी बाई को अपनी पीठ पर लादकर एक किलोमीटर कच्चे मार्ग पर चलकर मुख्य सड़क पर पहुंचा।

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दादी को पीठ पर लादकर इलाज के लिए ले जाता पोता (फोटो-पत्रिका)

सिरोही। आबूरोड ब्लॉक के आदिवासी बहुल भाखर के निचलागढ़ गांव में सोमवार को ऐसी तस्वीर सामने आई जो सरकारी तंत्र के चिकित्सा व्यवस्थाओं के दावों की जमीनी हकीकत बयां करने की लिए काफी है। यह तस्वीर गांव की सोलंकीफली की है। जहां चिकित्सा सुविधा नहीं होने से पोता कालाराम अपनी 70 वर्षीय बीमार दादी सोमी बाई को अपनी पीठ पर लादकर एक किलोमीटर कच्चे मार्ग पर चलकर मुख्य सड़क पर पहुंचा।

इसके बाद दादी को कुछ दूर स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र पर ले गया। आज भी ऐसे दृश्य इसलिए सामने आ रहे हैं क्योंकि 42 साल में ब्लॉक में एक भी नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं खुला है और न ही यहां सुगम रास्ते हैं। लोगों को प्राथमिक चिकित्सा के लिए भी दूर दराज के स्वास्थ्य केन्द्र या फिर गुजरात जाना पड़ता है।

आस में बीते चार दशक

आशान्वित सिरोही जिले के टीएसपी आबूरोड ब्लॉक की 32 ग्राम पंचायतों में से 30 पंचायतें ऐसी हैं, जहां के गांवों व फलियों (ढाणियों) के आदिवासी ग्रामीण प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार से आस लगाए हुए हैं। 42 साल बीत गए, लेकिन उन्हें एक नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक नसीब नहीं हुआ। नजदीक में तो उनकी जिंदगी पूरी तरह उप स्वास्थ्य केंद्रों के भरोसे हैं। जहां नाम मात्र की चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं।

जनप्रतिनिधि भी नहीं दे रहे ध्यान

ब्लॉक की तीस पंचायतों के ग्रामीण चिकित्सा सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। इसके बावजूद क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी ध्यान नहीं दे रहे। ग्रामीणों को पीएचसी खोलने की मांग करते-करते तो चार दशक बीत गए, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। क्षेत्र में 1983 में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ही आज नजर आ रहे हैं।

इनका कहना है-

ब्लॉक की अधिकांश पंचायतों के गांव व फलियां पहाड़ी क्षेत्र में हैं। 32 पंचायतों में करीब 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो होने ही चाहिए। भाखर में तो लोग ऊंचे पहाड़ों से बीमार लोगों को कंधे व पीठ पर लादकर या झोलों में सुलाकर मुख्य मार्ग पर आते हैं। फिर उन्हें अस्पताल ले जाते हैं।-नरसाराम गरासिया, जिलाध्यक्ष, गरासिया विकास सेवा समिति, सिरोही

आबूरोड के ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा को और सुदृढ़ करने की जरूरत है। ग्रामीणों को उपचार में काफी परेशानी होती है। नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने चाहिए। -गणेशराम, पूर्व सरपंच, चंडेला


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