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रोडवेज की हड़ताल: थमे बसों के पहिए, यात्री हुए परेशान, सिरोही डिपो को साढ़े छह लाख का नुकसान

locationसिरोहीPublished: Sep 18, 2018 10:03:12 am

विभिन्न मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा ने किया प्रदर्शन
सिरोही डिपो की बसों में प्रतिदिन करीब 9 हजार यात्री करते हैं सफर

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सिरोही रोडवेज परिसर में हड़ताल के कारण खड़ी बसें।

सिरोही. रोडवेज कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा ने एक बार फिर सोमवार को चक्काजाम कर हड़ताल कर दी। जिससे रोडवेज बसों में पहिए थमे रहे। ऐसे में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सिरोही बस स्टैण्ड पर पहुंचने वाले यात्रियों को निराश लौटना पड़ा। हालांकि, सिरोही बस स्टैंड से सवेरे चार बसें अलग-अलग रूट को रवाना की गई, लेकिन इसमें भी कई बसों को हड़ताल समर्थकों ने बीच रास्ते में रुकवा दिया। ऐसे में यात्रियों को दूसरे वाहनों का सहारा लेकर गंतव्य को जाना पड़ा। ड्यूटी पर पहुंचे अधिकारियों व कर्मचारियों ने सवेरे बसों का सुचारू संचालन कराने का प्रयास भी किया, लेकिन हड़ताल समर्थकों के विरोध के चलते कामयाबी नहीं मिल पाई।
यूनियन के नेता बोले- जारी रहेगी हड़ताल
राजस्थान रोडवेज श्रमिक संगठन संयुक्त मोर्चा संयोजक बहादुरसिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार की ओर से मांगों पर सहमति नहीं दिए जाने तक चक्काजाम हड़ताल जारी रहेगी। इस मौके मांगीलाल बिश्नोई, मंगलसिंह, नरपतसिंह, शहजाद, अहमद भाई, नारायणसिंह चौहान, धुलाराम, सिकंदर, सुभाष, आशुमान, अब्दुल, जेठाराम, अमरसिंह, खेमाराज, महेन्द्र, गोपालसिंह, धन्नाराम, रमेश, कन्हैयालाल, वरदाराम, सोनाराम आदि मौजूद थे।
डिपो मैनेजर बोले- 44 कर्मचारी हड़ताल में शामिल
रोडवेज के मुख्य प्रबंधक अशोक सांखला ने बताया कि हड़ताल से सिरोही डिपो को करीब साढ़े छह लाख का नुकसान हुआ है। सिरोही डिपो में 200 कर्मचारी कार्यरत है। इसमें 126 कर्मचारी सोमवार को कार्यरत रहे। जबकि, 44 कर्मचारी हड़ताल में शामिल थे।
भामसं से जुड़े कर्मचारी पहुंचे ड्यूटी पर
इधर, भारतीय मजदूर संघ से जुड़े रोडवेज कर्मचारियों ने ड्यूटी पर पहुंचकर कार्य संभाला। वहीं हड़ताल का विरोध जताया।

सरकार व रोडवेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
आबूरोड. रोडवेज प्रांतीय संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर शहर केंद्रीय बस स्टैंड पर सोमवार को कार्यरत कर्मचारियों ने ***** जाम हड़ताल कर बसों का आवाजाही बंद रखी। विभिन्न मांगों को लेकर गत दो दिनों से धरने पर बैठे कार्मिकों ने एक दिवसीय बंद रखा। इस दौरान मोर्चे के कार्यरत व सेवानिवृत रोडवेज कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार व रोडवेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। पदाधिकारियों ने सभा को सम्बोधित करते हुए पूर्व में परिवहन मंत्री युनूस खां की अध्यक्षता में मोर्चे के प्रतिनिधियों से हुई वार्ता में चार मांगों पर बनी सहमति को अब तक लागू नहीं करने व श्रमिक विरोधी नीति के कारण सरकार की आलोचना की गई। कर्मचारियों का बंद रात्रि बारह बजे तक जारी रहा। मांगों को लेकर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर आगे भी बंद को जारी रखने की चेतावनी दी गई।
ये कार्मिक रहे मौजूद
सभा में संयुक्त मोर्चा अध्यक्ष नारायणसिंह, सचिव हाजी सफी मोहम्मद, संरक्षक मोहम्मद इस्माइल, चैनसिंह राठौड़, राजेंद्रतिवारी, हरभजनसिंह, एटक अध्यक्ष प्रदीपकुमार खण्डेलवाल, सचिव श्रवण विश्नोई, सोहनलाल, मेरूगोविंद, दिलीप बारोट, मलसिंह, विनोद मोदी, आनंदकुमार, गंगा लहरी, ओमप्रकाश, तुलसीराम, सीताराम, शरीफ खान, गोपालसिंह, विजय लखारा, जितेन्द्र, जेबू रहीम, रमेश जोशी समेत कई कार्मिक उपस्थित थे।
यात्रियों को टैक्सियों का लेना पड़ा सहारा
बंद के चलते आबूरोड व अम्बाजी जाने वाले पर्यटकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। डिपो की करीब 69 बसों समेत रूट पर चलने वाली राजस्थान रोडवेज की बसें बंद रही।
ऐसे में जरूरी कामकाज से आवाजाही करने वाले लोगों को निजी टैक्सियों का सहारा लेना पड़ा। इस दौरान टैक्सी चालक भी बसों के बंद होने से चांदी काटते नजर आए।
फैक्ट फाइल
-सिरोही डिपो में कुल 67 बसें
-प्रतिदिन रूट पर संचालन 57 बसें
-23 हजार किलोमीटर प्रतिदिन चलती हैं बसें
-प्रतिदिन नौ हजार यात्री करते हैं रोडवेज में सफर

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