
Sirohi News : मंडार।सिरोही-मंडार स्टेट हाईवे संख्या 27 पर टोल वसूली की अवधि समाप्त होने के दो साल बाद भी वाहन चालकों से वसूले जा रहे टोल से अब राहत मिल गई है। आर्बिटेटर के निर्णय से इस स्टेट हाईवे पर तीनों स्थानों पर गुरुवार से टोल वसूली बंद हो गई है। गुरुवार को वाहन बिना टोल चुकाए सरपट दौड़ते नजर आए।
इधर, टोल वसूली बंद होने से हजारों वाहन चालकों को राहत मिली है। लोग पिछले डेढ़ साल से टोल वसूली बंद करने की मांग कर रहे थे। कोरोना काल के बाद से टोल बार-बार अवधि बढ़ाकर वाहन चालकों से टोल वसूली की जा रही थी। जिससे आमजन परेशान था। अब जाकर वाहन चालकों को राहत मिली है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर टोल वसूली आज से बंद हो गई है।
अवधि समाप्त होने के बाद भी तीन जगह सिंदरथ, करोटी व मंडार में हो रही टोल वसूली को लेकर राजस्थान पत्रिका ने लगातार कई खबरें प्रकाशित कर मामले को प्रमुखता से उठाया था और कई बार प्रशासन तथा सरकार का ध्यान आकर्षित करवाया था। आखिरकार गुरुवार सुबह से टोल वसूली बंद होने पर वाहन चालकों ने राहत महसूस की। लोगों में खुशी दौड़ गई।
सिरोही-मंडार स्टेट हाईवे पर सड़क निर्माण कंपनी ने 1 मई 2010 को टोल संग्रहण शुरू किया था। इसकी अवधि पूरी होने के बाद लगातार टोल वसूली की अवधि बढ़ाकर वाहन चालकों से टोल वसूला गया। वर्तमान में अवधि समाप्त होने पर फिर से टोल वसूली की अवधि बढ़ा दी थी। टोल कर्मचारियों ने टोल बूथ पर टोल संग्रह की तिथि बढ़ाने के स्टीकर तक चिपका दिए थे। इससे लोगों में रोष था।
इधर, सांसद लुंबाराम चौधरी ने कहा कि वे पिछले काफी समय से सिरोही-मंडार स्टेट हाईवे पर हो रही टोल वसूली कां बंद कराने की मांग करते आ रहे थे। लेकिन कंपनी बार-बार हाईकोर्ट से स्टे लाकर टोल अवधि बढ़ाकर टोल वसूल रही थी। सांसद ने कहा कि 3 जुलाई 2024 को दिल्ली में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी मिलकर टोल टैक्स को बंद करने की मांग की थी।
जिस पर परिवहन मंत्री ने कार्रवाई करते हुए 5 अगस्त 2024 को अधिकारियों को पत्र लिखा था। जिस पर टोल वसूली बंद हुई है। सांसद ने कहा कि 19 जुलाई 2022 को इस टोल की अवधि पूरी हो गई थी, लेकिन कोविड के कारण इसकी अवधि बढ़ाकर 19 जनवरी 2023 करने का राज्य सरकार ने निर्णय लिया था।
इसके बाद भी टोल वसूली चालू रखी गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं सिरोही प्रभारी मंत्री महेंद्र चौधरी को भी कई बार ज्ञापन दिया था, लेकिन सरकार की ओर टोल कर्मियों की मिली भगत के कारण बंद नहीं हुआ था। तत्कालीन राजस्थान सरकार और ठेकेदार की मिली भगत से न्यायालय में सही जवाब पेश नहीं किया जा रहा था। इस कारण 2 साल में करीब 20 बार कोर्ट का स्टे लाकर टोल वसूली की जा रही थी। अब जाकर राहत मिली है।
Updated on:
20 Sept 2024 02:33 pm
Published on:
20 Sept 2024 02:07 pm
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