
आजम लेने आई काफिले की गाड़ियों का कटा चालान, PC - IANS
सीतापुर : लगभग 23 महीने जेल की सलाखों के पीछे बिताने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री आजम खान मंगलवार को सीतापुर जिला कारागार से रिहा हो गए। जेल से बाहर निकलते ही उन्हें लेने पहुंचे समर्थकों के विशाल काफिले ने सड़कों पर हंगामा मचा दिया। लेकिन उत्साह में उल्लंघन की हदें पार करने पर पुलिस ने सख्ती दिखाई और 73 गाड़ियों पर चालान काट दिया। कुल 1 लाख 49 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। ट्रैफिक इंस्पेक्टर फरीद अहमद ने बताया कि इतनी संख्या में गाड़ियां एक साथ सड़क पर आने से ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ गई थी, इसलिए तुरंत कार्रवाई की गई।
आजम खान की रिहाई सुबह 9 बजे तय थी, लेकिन रामपुर कोर्ट में एक पुराने केस में लंबित 6 हजार (कुछ रिपोर्ट्स में 8 हजार) रुपये के जुर्माने के कारण यह प्रक्रिया साढ़े तीन घंटे लेट हो गई। दोपहर करीब 12:30 बजे जुर्माना जमा होने के बाद उनकी रिहाई हुई। जेल से बाहर आते ही 'आज के हीरो आजम साहब' के नारों के बीच वे 100 गाड़ियों के विशाल काफिले के साथ रामपुर के लिए रवाना हो गए। रास्ते भर समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया, लेकिन काफिले की धूम ने ट्रैफिक नियमों को तार-तार कर दिया।
आजम खान की रिहाई ने यूपी की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। एक ओर बसपा में शामिल होने की अटकलें हैं, तो दूसरी तरफ बीजेपी से नजदीकियों की अफवाहें। सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुशी जताते हुए कहा, 'आजम खान जेल से रिहा हो गए। सपा की सरकार बनने पर उनके खिलाफ दर्ज सभी झूठे मुकदमे वापस लिए जाएंगे।'
आजम ने खुद रिहाई के बाद राजनीतिक सवालों पर टालते हुए कहा कि वे पहले इलाज कराएंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी वापसी सपा को मजबूत कर सकती है, लेकिन अगला कदम सपा में बने रहना या कहीं और रुख करना अभी सस्पेंस बना हुआ है।
यूपी की राजनीति में कभी 'सुल्तान' कहलाने वाले आजम खान का दबदबा मुलायम सिंह यादव के दौर में चरम पर था। सपा के संस्थापक सदस्य माने जाने वाले आजम पर कुल 104 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से कई को बीजेपी सरकार आने के बाद दायर किया गया। 2023 में गिरफ्तारी के बाद वे 23 महीने जेल में रहे। जेल के दौरान सपा कार्यकर्ताओं में यह शिकायत रही कि अखिलेश ने उनका मजबूती से साथ नहीं दिया। अब रिहाई के बाद उनका राजनीतिक पुनरागमन कैसे होगा, यह 2027 चुनावों का बड़ा फैक्टर बन सकता है।
रिहाई के जश्न में समर्थकों ने जहां एक ओर भारी भीड़ जुटाई, वहीं लखीमपुर खीरी के मैगलगंज-शाहजहांपुर मार्ग पर एक वीडियो वायरल हो गया है। इसमें काफिले की गाड़ियों में सवार लोग तेज रफ्तार में सनरूफ खोलकर स्टंटबाजी करते नजर आ रहे हैं हाथ लहराते, नारे लगाते और सड़क सुरक्षा नियमों का खुला उल्लंघन। पुलिस ने चालान तो काटा, लेकिन स्टंट पर अब तक कोई अलग कार्रवाई नहीं हुई। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और सवाल उठा रहा है कि जश्न की आड़ में सुरक्षा को कैसे हल्के में लिया जा रहा है।
Published on:
23 Sept 2025 07:55 pm
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