10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Men’s Junior World Cup: आखिरी 11 मिनट में भारत ने पलटी बाजी, दागे धड़ाधड़ चार गोल, रचा इतिहास

Men's Junior Hockey World Cup: 9 साल का सूखा खत्म हुआ… अर्जेंटीना को हराकर भारत ने ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। इस जीत ने पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Saurabh Mall

Dec 11, 2025

Men's Junior Hockey World Cup 2025

जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में भारत की ऐतिहासिक जीत। अर्जेंटीना को हराकर 9 साल का सूखा खत्म (इमेज सोर्स: हॉकी इंडिया एक्स)

Men's Junior Hockey World Cup 2025: जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में भारत ने वह कर दिखाया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। मैच के अंतिम 11 मिनटों में ऐसा तूफानी खेल देखने को मिला कि पूरा स्टेडियम रोमांच से गूंज उठा। लगातार चार गोल ठोककर भारत ने न सिर्फ अर्जेंटीना को 4-2 से मात दी, बल्कि पदक जीतने के मामले में 9 साल का सूखा भी खत्म कर दिया।

अंतिम बार कब जीता था मेडल?

भाकी नजर गोल्ड मेडल पर थी, लेकिन सेमीफाइनल में सात बार की चैंपियन जर्मनी के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। जूनियर पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने पहली बार ब्रॉन्ज मेडल जीता है। इससे पहले भारत सिर्फ गोल्ड और सिल्वर ही जीत पाया था। साल 2001 और 2016 में गोल्ड, जबकि 1997 में सिल्वर। वहीं वर्ष 2005 में भारत ब्रॉन्ज के बहुत करीब पहुंचकर भी चूक गया था, लेकिन इस बार युवा खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया।

इस शानदार प्रदर्शन की खुशी में हॉकी इंडिया ने भी खिलाड़ियों की हौसला-अफजाई की है। हर खिलाड़ी को 5 लाख रुपए और सपोर्ट स्टाफ को 2.5 लाख रुपए का इनाम देने का ऐलान किया गया है। टीम की इस जीत ने पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

हाफ टाइम तक रहा अर्जेंटीना का दबदबा

बुधवार को मैच की शुरुआत भारत ने आक्रामक अंदाज में की, लेकिन तीसरे ही मिनट अर्जेंटीना ने पेनाल्टी स्ट्रोक पर निकोलस रोड्रिगेज के गोल से 1-0 की बढ़त ले ली। भारत ने तुरंत बराबरी की कोशिश की, लेकिन पहला क्वार्टर बिना गोल के खत्म हुआ। दूसरे क्वार्टर में भारत ने दबाव बनाया और दिलराज ने टारगेट पर शॉट भी मारा, फिर भी अर्जेंटीना की बढ़त कायम रही। तीसरे क्वार्टर में भारत को कुछ पेनाल्टी कॉर्नर मिले, पर गोल नहीं हुआ। इसी बीच प्रिंसदीप सिंह के शानदार डबल सेव ने टीम को मैच में बनाए रखा। लेकिन 44वें मिनट में सैंटियागो फर्नांडीज ने गोल करते हुए अर्जेंटीना को 2-0 से आगे कर दिया।

कैसे पलटी बाजी; इसे भी जानें

अंतिम क्वार्टर की शुरुआत में भारतीय टीम लगातार अपने पहले गोल की तलाश में दबाव बनाती रही। मैच खत्म होने में सिर्फ 11 मिनट बचे थे और तभी 49वें मिनट में भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला। अनमोल एक्का ने तेज ड्रैग-फ्लिक मारी और अंकित पाल ने शानदार तरीके से गेंद को गोल में डालकर अर्जेंटीना के गोलकीपर को चकमा दे दिया।

इस गोल ने जैसे टीम में नई जान भर दी। 52वें मिनट में अनमोल एक्का ने एक और बेहतरीन सेटअप बनाया और मनमीत सिंह ने मौका पकड़ते हुए गोल दाग दिया। स्कोर अब 2-2 की बराबरी पर आ गया था। 57वें मिनट में भारत को फिर से पेनाल्टी स्ट्रोक मिला। शारदानंद तिवारी ने बिना किसी दबाव के गेंद को नेट में ठोक दिया और भारत 3-2 से आगे हो गया। मैच में बस कुछ मिनट बचे थे, इसलिए अर्जेंटीना ने अपना गोलकीपर भी हटा दिया और पूरी तरह आक्रमण मोड में आ गया। लेकिन उसका फायदा उल्टा भारत को मिला। 58वें मिनट में भारत को फिर पेनाल्टी कॉर्नर मिला और इस बार अनमोल एक्का ने खुद गोल करके भारत की जीत और ब्रॉन्ज मेडल पक्का कर दिया।