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टोक्यो ओलंपिक से पहले अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहे बैडमिंटन प्लेयर बी.साई प्रणीत

बता दें कि साल की शुरूआत में प्रणीत को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। योनेक्स थाईलैंड ओपन में प्रणीत को नीची रैंक वाले कांताफॉन वांगचारोएन ने 32-राउंड में बाहर कर दिया था। इसके बाद प्रणीत कोरोना संक्रमित हो गए थे।

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टोक्यो ओलंपिक में सीधे क्वालीफिकेषन में दावेदारी करने वाले भारत के अकेले बैडिमिंटन प्लेयर बी.साई प्रणीत इन दिनों अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहे हैं। बता दें कि टोक्यों ओलंपिक में उनका दावा उनकी रैंकिंग के आधार पर है। प्रणीत का कहना है कि वह अपने खेल का स्तर ऊंचा उठाने के लिए अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहे हैं। बता दें कि साल की शुरूआत में प्रणीत को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। योनेक्स थाईलैंड ओपन में प्रणीत को नीची रैंक वाले कांताफॉन वांगचारोएन ने 32-राउंड में बाहर कर दिया था। इसके बाद प्रणीत कोरोना संक्रमित हो गए थे। इस वजह से वह टोयोटा थाईलैंड ओपन में भाग नहीं ले सके थे।

बिना गलती के समय बर्बाद किया
ओलंपिक चैनल से बात करते हुए प्रणीत ने कहा कि उन्होंने बिना किसी गलती के अपना तीन सप्ताह का समय बर्बाद कर दिया। उनका कहना है कि इससे मानसिक भार बढ़ता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हर टूर्नामेंट में कई बार कोविड टेस्ट करवाना होता है और कभी-कभी परिणाम गलत भी होते हैं। हालांकि भारत लौटने के बाद प्रणीत ने कड़ी मेहनत की और अपना फोकस स्विस ओपन और ऑल इंग्लैंड ओपन जैसे टूर्नामेंट पर किया। बता दें कि प्रणीत बासेल में क्वार्टर फाइनल तक पहुंच गए थे और इस टूर्नामेंट में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि ब्रिटेन में ऑल इंग्लैंड ओपन के दौरान कोविड के कारण चीजों ने एक खतरनाक मोड़ ले लिया।

तीन दिन तक कमे में बंद रहे
इस बारे में प्रणीत ने कहा कि वे नहीं जानते थे कि क्या उन्हें अंतिम क्षण तक खेलने की अनुमति मिलेगी या नहीं। प्रणीत ने बताया कि वे तीन दिनों तक कमरे में बंद रहे और वहां से सीधे मैच खेलने के लिए गए। प्रणीत ने अच्छा प्रदर्षन किया और पहले ही दौर में अपने प्रतिद्वंद्वी को पीछे छोड़ दिया। इसके बाद वे स्विस खिलाड़ी विक्टर एक्सेलसेन से ऊपर आ गए। पहले सेट में प्रणीत ने दुनिया कि नंबर 2 प्लेयर 21-15 से हराया। वहीं दूसरे सेट में उन्होंने 5-0 से बढ़त बनाई। हालांकि, एक्सेलसेन ने वापसी करते हुए प्रणीत को हरा दिया।

फिटनेस बनी परेशानी
प्रणीत का कहना है कि ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट में उनके लिए फिटनेस एक परेशानी का कारण था। यदि सब कुछ आसानी से चलता और वे अच्छी शेप में होते, तो वे बहुत बेहतर खेल सकते थे। ऐसे में प्रणीत ने अपनी उस हार से सबक लिया और टोक्यो ओलंपिक से पहले वे अपनी फिटनेस में सुधार करने में जुट गए हैं। प्रणीत का मानना है कि तकनीकी रूप से उनके और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के बीच ज्यादा अंतर नहीं है। प्रणीत का मानना है कि उन्हें फिट रहने की ज्यादा जरूरत है और अगर वे ऐसा करते हैं तो बैडमिंटन का स्तर एक-दो पायदान ऊपर चला जाएगा।

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