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Rajasthan : प्रशासन ने समय रहते भांप ली खतरे आहट…वरना 30 मिनट में डूब जाता राजस्थान का ये शहर

अनूपगढ़-रायसिंहनगर मार्ग के पास गांव 80 जीबी में घग्घर नदी का तटबंध कमजोर पड़ने लगा। दरारें चौड़ी हो रही थीं और पानी का दबाव लगातार बढ़ रहा था। अगर यह बंधा टूटता तो 15 फीट नीचे बसे अनूपगढ़ शहर में सीधे पानी का सैलाब घुस जाता।

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Ghaghar river overflow

उफान मार रही घग्घर नदी (फोटो-पत्रिका)

श्रीगंगानगर। घग्घर नदी का उफनता पानी मंगलवार को अनूपगढ़ शहर के लिए काल बनकर उमड़ा। हालात ऐसे बने कि महज 30 मिनट में पूरा शहर जलमग्न हो सकता था। लेकिन प्रशासन की सतर्कता और एक किसान के साहस ने हजारों लोगों की जिंदगी और करोड़ों की संपत्ति को डूबने से बचा लिया।

अनूपगढ़-रायसिंहनगर मार्ग के पास गांव 80 जीबी में घग्घर नदी का तटबंध कमजोर पड़ने लगा। दरारें चौड़ी हो रही थीं और पानी का दबाव लगातार बढ़ रहा था। अगर यह बंधा टूटता तो 15 फीट नीचे बसे अनूपगढ़ शहर में सीधे पानी का सैलाब घुस जाता। बांध टूटने के महज 30 मिनट में ही पूरा शहर जलमग्न हो सकता था।

किसानों ने दी प्रशासन को सूचना

जागरूक नागरिक निहाल पूनिया और बलविंदर सिंह ने खतरे की सूचना प्रशासन तक पहुंचाई। उपखंड अधिकारी सुरेश राव तत्काल मौके पर पहुंचे और तटबंध मजबूत करने का निर्णय लिया। लेकिन समस्या थी कि वहां जेसीबी या भारी मशीनरी नहीं पहुंच सकती थी। ऐसे में पास की जमीन से ही मिट्टी लेकर बंधा बचाना एकमात्र उपाय बचा।

किसान ने अपनी फसल का दिया बलिदान

तटबंध को बचाने के लिए जिस खेत से मिट्टी लेनी थी, वहां किसान जसवीर सिंह ने नरमा की फसल बो रखी थी। शुरुआत में उन्होंने फसल नुकसान की वजह से अनिच्छा जताई, लेकिन जब एसडीएम ने उन्हें बताया कि शहर पर कितना बड़ा खतरा मंडरा रहा है, तो जसवीर सिंह ने बिना देर किए सहमति दे दी। उन्होंने अपनी खड़ी फसल का बलिदान देकर मिट्टी उपलब्ध करवाई और देखते ही देखते तटबंध मजबूत कर दिया गया।

अगर जसवीर सिंह यह फैसला न लेते तो घग्घर नदी का पानी बंधा फाड़कर अनूपगढ़ की गलियों में घुस चुका होता। उनकी दूरदर्शिता ने पूरे शहर को डूबने से बचा लिया। मौके पर मौजूद नगरपालिका अधिकारी अभय मीणा और गणमान्य नागरिकों ने किसान के इस कदम की सराहना की।

बंधे पर रात-दिन पहरा दे रहे किसान

उधर, 35 एपीडी गांव में घग्घर का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार रात यहां भी तटबंध में कटाव आया, लेकिन ठीकरी पहरा दे रहे किसानों ने तुरंत उसे पाटकर खतरा टाल दिया। ग्रामीण लगातार रेत से बोरियां भरकर तटबंधों को मजबूत कर रहे हैं और दिन-रात जागकर पहरा दे रहे हैं।

भारतीय किसान संघ के उपाध्यक्ष जसवंत सिंह चंदी ने कहा कि किसान संगठित होकर बंधों की निगरानी कर रहे हैं। किसी भी अनहोनी की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

एसडीएम ने दिए सख्त निर्देश

इधर, 56 जीबी पुल पर पानी का दबाव बढ़ने पर एसडीएम सुरेश राव ने निरीक्षण किया। उन्होंने टूटी रेलिंग को तुरंत ठीक करने और दोनों ओर चेतावनी बोर्ड लगाने के आदेश दिए। साथ ही भारी वाहनों की आवाजाही रोकने की भी संभावना जताई। प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और अवैध बंधों को हटाने का काम जारी है। लोगों से अपील की गई है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।