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River Dam Broken: राजस्थान में यहां नदी का बांध टूटा, सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद, लाचारी की हालत में किसान

श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ इलाके में किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। घग्घर नदी का बांध टूटने से सैकड़ों बीघा फसल पूरी तरह डूब गई।

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Ghaggar River dam broken

घग्घर नदी का टूटा बांध (फोटो-पत्रिका)

श्रीगंगानगर। अनूपगढ़ क्षेत्र में घग्घर नदी की आवक भले ही घट गई हो, लेकिन किसानों की परेशानी कम नहीं हुई है। शनिवार तड़के गांव तीन पीएम के पास भारत-पाक सीमा पर स्थित चित्रकूट पोस्ट के समीप भेड़ताल क्षेत्र में नदी का बांध अचानक टूट गया। करीब 150 फीट चौड़ा कटाव आने से घग्घर का पानी खेतों में घुस गया, जिससे लगभग 600 बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गई।

खेतों में खड़ी नरमा, मूंग और धान की फसलें पूरी तरह डूब गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि नदी में इस समय करीब तीन फीट पानी भरा है, जिससे कटाव को रोकना और मरम्मत करना मुश्किल हो गया है।

ग्रामीणों ने खुद संभाली कमान

गांव के किसानों ने अपने स्तर पर अस्थाई बांध बनाकर पानी को रोकने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। गांव तीन पीएम निवासी राकेश गोदारा के अनुसार, तड़के करीब 3:30 बजे बांध टूटने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक पानी खेतों में फैल चुका था। किसानों ने प्रशासन से त्वरित सहायता की मांग की है।

रंगमहल एस्केप से 500 क्यूसेकपानी छोड़ा

दूसरी तरफ जैतसर में घग्घर नदी में प्रवाहित हो रहे बरसाती पानी की मात्रा शनिवार को कम होते-होते नाममात्र की रह गई। जिसके बाद अब घग्घर नदी में पानी बंद होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय किसान संघ जीडीसी में छोड़े गए पानी को रंगमहल एस्केप के माध्यम से घग्घर में छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं। जिससे घग्घर नदी में लगभग दो सप्ताह तक बरसाती पानी को प्रवाहित किया जा सकता है।

दो सप्ताह तक घग्घर में और बहेगा पानी

किसानों की मांग के अनुरूप यदि जल संसाधन विभाग जीडीसी में छोड़े गए पानी को घग्घर में डालने का निर्णय लेते हैं तो इससे जीबी क्षेत्र के किसानों की खरीफ की फसल की औसतन एक से दो सिंचाई और हो सकेगी। भारतीय किसान संघ के संभाग उपाध्यक्ष जसवंत सिंह चंदी ने बताया कि शनिवार को जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर जीडीसी में छोड़े जाने के बाद डिप्रेशन में एकत्रित हुए पानी को रंगमहल के समीप क्रमांक संख्या 8 के एस्केप के माध्यम से वापिस घग्घर नदी में छोड़े जाने को लेकर मुलाकात की। जिससे घग्घर नदी में लगभग दो सप्ताह तक बरसाती पानी को और चलाया जा सकता है।

खरीफ की फसलों की एक बार और हो सकेगी सिंचाई

ऐसा होने पर खरीफ फसलों की एक बार सिंचाई और हो सकती है। इसके लिए पूर्व मंत्री रामप्रताप कासनियां ने भी जल संसाधन विभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता को पत्र लिखा है। जिसके बाद शनिवार शाम को जल संसाधन विभाग ने रंगमहल एस्केप से 500 क्यूसेक पानी घग्घर नदी में छोड़ने की मौखिक सहमति जताते हुए शनिवार शाम को घग्घर नदी में पांच सौ क्यूसेक पानी छोड़ दिया। जिससे घग्घर नदी में दो सप्ताह तक और पानी मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएगी।