
सूरतगढ़.क्षेत्र की दो ग्राम पंचायत बख्तावरपुरा व गोपालसर की सीमा पर संचालित दो राजकीय प्राथमिक विद्यालयों के बीच की दूरी एक दीवार ने बढ़ाई। नामांकन कम होने की स्थिति में एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय दूसरे विद्यालय में मर्ज हो गया। इससे विद्यार्थियों को राहत मिली है। वही, एक अन्य विद्यालय का नामांकन शून्य होने की स्थिति में दूसरे विद्यालय में समायोजित हो गया।
प्रारम्भिक शिक्षा एवं पंचायत राज विभाग (प्रारम्भिक शिक्षा) के निदेशक सीताराम जाट ने नामांकन कम होने पर राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय को समीपवर्ती विद्यालयों में समायोजन के आदेश जारी किए । इसके तहत सूरतगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत भोजेवाला में राजकीय प्राथमिक विद्यालय भोजेवाला की रोही का नामांकन शून्य होने की स्थिति में गांव 3 बीजेडब्ल्यू के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में मर्ज हो गया। इस विद्यालय में 17 विद्यार्थी अध्ययनरत है। इसी तरह ग्राम पंचायत बख्तावरपुरा का 2 एसपीएम बी का राजकीय प्राथमिक विद्यालय ग्राम पंचायत गोपालसर के 3 एसपीएम के विद्यालय में मर्ज हो गया। अब 3 एसपीएम के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या 42 हो गई है।
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ग्राम पंचायत गोपालसर व ग्राम पंचायत बख्तावरपुरा की सीमा पर बने 2 एसपीएम बी व 3 एसपीएम का राजकीय प्राथमिक विद्यालय का संचालन किया गया । दोनों विद्यालयों के बीच एक ही दीवार बनी हुई है। 2 एसपीएम बी का राजकीय प्राथमिक विद्यालय वर्ष 1999 में शुरू हुआ। वही, 3 एसपीएम का राजकीय प्राथमिक विद्यालय 2012 में प्रारंभ हुआ। वर्तमान में 2 एसपीएम बी में कक्षा प्रथम में 2, द्वितीय में 2, तृतीय में 4, चतुर्थ में 9 व पांचवीं कक्षा में शून्य विद्यार्थी है, जबकि 3 एसपीएम के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक में 3, द्वितीय में 0, तृतीय में 9, चतुर्थ में 6 व पांचवीं कक्षा में 7 विद्यार्थी अध्ययनरत है। ऐसे में 2 एसपीएम बी का विद्यालय 3 एसपीएम में मर्ज होने की स्थिति में विद्यालय का नामांकन बढ़ जाएगा।
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शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने तो ग्रामीण क्षेत्रों में राजीव गांधी पाठशाला का संचालन शुरु हुआ तब वहां ग्रामीण बच्चे अधिक थे। इसके बाद राज्य सरकार ने पाठशालाओं को राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया गया। विद्यालयों के आस पास बच्चे कम होने की वजह से नामांकन भी लगातार घटता गया। लेकिन इन स्कूलों को मर्ज नहीं किया गया। बीस से भी कम नामांकन वाले राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में दो दो शिक्षक कार्यरत थे। जिसे शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों ने गंभीर माना। ऐसे में इन विद्यालयों को आस पास के विद्यालयों में मर्ज किया गया।
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सीबीईओ नरेश रिणवां ने बताया कि प्रारम्भिक शिक्षा एवं पंचायत राज विभाग (प्रारम्भिक शिक्षा) के निदेशक के आदेशानुसार कम नामांकन होने पर दो राजकीय प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज किया गया है। इन दोनों विद्यालयों को अस्थाई रूप से अन्य विद्यालयों में लगाया जा रहा है।
Published on:
10 Jan 2025 03:11 pm
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