12 जुलाई 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

Ambikapur-Shahdol train: सिग्नल फेल होने से 1 घंटे 20 मिनट रुकी रही अंबिकापुर-शहडोल ट्रेन, एनएच पर भी लगा जाम

Ambikapur-Shahdol train: स्टाफ की कमी के कारण मैनुअल ऑपरेशन से रवाना करनी पड़ी ट्रेन, अंबिकापुर-मनेंद्रगढ़ एनएच पर जयनगर फाटक पर भी वाहनों की लगी रही लाइन

Railway news
Jam on National highway

बिश्रामपुर। मॉनसून का असर अब रेलवे प्रणाली पर भी दिखने लगा है। बुधवार को बिश्रामपुर स्टेशन में एक तकनीकी गड़बड़ी के कारण सिग्नल फेल हो गया, जिससे अंबिकापुर-शहडोल एक्सप्रेस (Ambikapur-Shahdol train) ट्रेन क्रमांक 18756 एक घंटे से ज्यादा समय तक स्टेशन व जयनगर रेलवे फाटक पर फंसी रही। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 पर जयनगर रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन के रुकने से यातायात भी बाधित हो गया था, जिससे 20 मिनट तक जाम की स्थिति बनी रही। स्टेशन प्रबंधन को अंतत: मैनुअल प्रणाली पायलेट इन पायलेट आउट के जरिए ट्रेन को रवाना करना पड़ा।

गौरतलब है कि बुधवार की सुबह अंबिकापुर से अपने निर्धारित समय पर शहडोल (Ambikapur-Shahdol train) हेतु रवाना हुई ट्रेन जब जयनगर रेलवे क्रॉसिंग व बिश्रामपुर स्टेशन पहुंची, तो स्टेशन यार्ड में सिग्नल सिस्टम ने अचानक काम करना बंद कर दिया। जब परिचालन स्टाफ ने ट्रेन को रवाना करने के लिए सिग्नल देने का प्रयास किया, तो पूरा सिस्टम फ्रीज हो गया।

इससे ट्रेन यार्ड में ही फंसी रह गई और हाइवे क्रॉसिंग पर रुक गई, जिससे सडक़ यातायात भी बाधित हुआ। बताया जा रहा है कि करीब 1 घंटे 20 मिनट तक यात्री ट्रेन (Ambikapur-Shahdol train) में इंतजार करते रहे और स्टेशन मास्टर व सीमित संख्या में मौजूद स्टाफ के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

अंतत: जब सिग्नल व्यवस्था बहाल नहीं हो सकी, तब रेलवे सुरक्षा नियमों के तहत पायलेट इन प्रक्रिया से ट्रेन को मैनुअली प्लेटफॉर्म तक लाया गया और फिर पायलेट आउट कर ट्रेन को अगले गंतव्य के लिए रवाना किया गया।

ये भी पढ़ें:Hospital’s Protocol for Media: Video: पूर्व डिप्टी CM ने मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मीडिया के लिए जारी निर्देशों का किया कड़ा विरोध, कही ये बातें…

Ambikapur-Shahdol train: बारिश की वजह से आई दिक्कत

रेलवे सूत्रों ने बताया कि उत्तर सरगुजा क्षेत्र में दो दिनों से रुक रुककर हो रही बारिश से स्टेशन की सिग्नलिंग व कम्युनिकेशन प्रणाली प्रभावित हुई है। गर्मी के बाद आई नमी, बिजली की गड़बड़ी और उपकरणों पर पड़ा पानी, ये सभी तकनीकी अवरोध का कारण बन सकते हैं।

रेलवे (Ambikapur-Shahdol train) सूत्रों ने बताया कि मानसून सक्रिय होने के साथ ही सिग्नलिंग व्यवस्था अधिक संवेदनशील हो जाती है, विशेषकर पुराने ढांचे वाले क्षेत्रों में। इस पूरी घटना ने एक और गंभीर समस्या को उजागर किया कि स्टेशन पर ऑपरेशन स्टाफ की कमी है।

नई डिजिटल सिग्नलिंग तकनीक आने के बाद से स्टेशनों पर स्टाफ कम कर दिया गया है। ऐसे में जब तकनीकी आपात स्थिति बनती है तो सीमित स्टाफ के कारण ट्रेन संचालन में विलंब स्वाभाविक हो जाता है।

ये भी पढ़ें: Big incident: नपं अध्यक्ष की बाड़ी में डबरी में मिली 6 वर्षीय बालिका की लाश, जिंदा होने की आस में नानी भी कूदी

रेलवे क्रॉसिंग के दोनों ओर खड़ी रही गाडिय़ां

जब ट्रेन (Ambikapur-Shahdol train) जयनगर रेलवे क्रॉसिंग पर खड़ी रही, तब राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। यहां पर वाहन चालकों को 20 मिनट तक इंतज़ार करना पड़ा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल मानसून में यही हाल होता है। सिग्नल फेल, ट्रेनें अटक जाती हैं और हम सडक़ पर परेशान होते हैं। रेलवे और प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था जैसे ओवरब्रिज या अंडरपास की योजना बनानी चाहिए।

सिग्नल फेल होने पर ये होती है प्रक्रिया

जब किसी स्टेशन पर सिग्नल फेल (Ambikapur-Shahdol train) हो जाए, तब रेलवे की नियमावली के अनुसार मैनुअली ट्रेन को आगे बढ़ाया जाता है। इस प्रक्रिया में एक रेल कर्मचारी पायलेट लाल झंडी या टॉर्च के साथ इंजन के आगे चलता है और सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करता है। ट्रेन को धीमी गति से प्लेटफॉर्म तक लाया जाता है और फिर उसी तरह अगले खंड के लिए रवाना किया जाता है।