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CG teachers: प्रधानपाठकों को अतिशेष बनाए जाने पर शिक्षकों में आक्रोश, कहा- ऐसा पहली बार हो रहा, ऑनलाइन अवकाश का आदेश हो वापस

CG teachers: संयुक्त शिक्षक संघ ने रैली निकालकर युक्तियुक्तकरण का किया विरोध, मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपकर जिला मुख्यालयों में किया एकदिवसीय आंदोलन

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सूरजपुर. CG teachers: युक्तियुक्तकरण को लेकर संयुक्त शिक्षक संघ ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया। संयुक्त शिक्षक संघ (CG teachers) के जिलाध्यक्ष सचिन त्रिपाठी की अगुवाई में शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण के साथ ऑनलाइन अवकाश के आदेश को भी तुरंत वापस लेने की मांग की। सचिन त्रिपाठी ने कहा कि संयुक्त शिक्षक संघ ने आंदोलन की पहली कड़ी में जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय आंदोलन व ज्ञापन सौपकर विरोध जताया है। अगर मांगें नहीं मानी गई तो प्रदेश स्तर पर उग्र प्रदर्शन होगा।

त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षकों पर अनावश्यक बोझ बढ़ाने, सेटअप प्रभावित करने भर की ये साजिश नहीं है, बल्कि इससे पहले बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।

उन्होंने कहा कि संयुक्त शिक्षक संघ (CG teachers) युक्तियुक्तकरण की खामियों को उजागर करेगा और सरकार को युक्तियुक्तकरण के दोषपूर्ण नियमों को वापस लेने को विवश करेगा। उन्होंने कहा कि शालाओं में लागू सेटअप के अनुसार समायोजन किया जाए क्योंकि यही नियम और विधान है।

छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पहला मौका

प्राथमिक शाला में 60 की दर्ज संख्या में प्रधान पाठक सहित 2 शिक्षक जबकि कक्षाएं 5 होती हैं। वहीं माध्यमिक शाला में 105 के दर्ज पर प्रधान पाठक सहित 4 शिक्षक जबकि यहां विषय आधारित शिक्षण होता है जिसमें 6 विषय होते हैं।

हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी में भी विषय आधारित शिक्षक होते हैं। कम दर्ज वाले शालाओं का एवं एक ही परिसर में संचालित शालाओं के समायोजन से प्रधान पाठक भी बड़ी संख्या में अतिशेष होंगे। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहला मौका होगा जब प्रधान पाठक को अतिशेष बनाया जा रहा है।

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राजस्व ग्राम के स्कूलों का बंद कराया जाना अन्याय

संयुक्त शिक्षक संघ ने कहा कि राजस्व ग्राम के शालाओं को कम दर्ज संख्या का हवाला देकर बंद किया जाना पूरी तरह से अन्याय है, क्योंकि शिक्षा और स्वास्थ्य की प्राथमिक व्यवस्था प्रत्येक व्यक्ति और ग्राम के लिए किया जाना सरकार का प्राथमिक दायित्व है।

इससे शिक्षा तो बर्बाद होगी ही, शिक्षक प्रभावित और परेशान होंगे ही उसके साथ ही शिक्षकों के पदोन्नति का अवसर लगभग समाप्त हो जाएगा क्योंकि यह युक्तियुक्तकरण बड़ी संख्या में पद को समाप्त कर देगा।

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शिक्षकों की नाराजगी समझे सरकार

सचिन त्रिपाठी ने कहा कि आज के आक्रोश से सरकार को समझ जाना चाहिए कि युक्तियुक्तकरण की खामियों को लेकर शिक्षक किस कदर नाराज हैं। ऐसे में सरकार को खुद अपने स्तर से पहल कर युक्तियुक्तकरण के निर्णय को वापस लेना चाहिए और शिक्षक को बेवजह परेशान करने से बाज आना चाहिए।

विरोध प्रदर्शन में ये रहे शामिल

विरोध कार्यक्रम में राकेश शुक्ला, गिरवर यादव, भुवनेश्वर सिंह, राधेश्याम साहू, मनोज कुशवाहा, ममता मण्डल, नसरीन बानो, इंदुमती सोनवानी, प्रतिमा सिंह, सोमा घोष, राजकुमार सिंह, कृष्णा सोनी, मो. महमूद, कुलदीप सिंह, सतीश साहू, संतोष साहू, जियाराम बैश्य, प्रदीप सिंह, प्रदीप त्रिपाठी, रोशन साहू, संदीप, आशीष यादव, जितेंद्र साहू, बालेश्वर साहू, भैयालाल सिंह, नागेन्द्र यादव, जय गुप्ता, अजय गोस्वामी, मोहर साय शास्त्री सहित बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल रहे।


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