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Child died in elephant attack: आधी रात हाथी ने तोड़ दी झोपड़ी, मां के साथ सो रहे 2 माह के बच्चे की दबकर मौत

Child died in elephant attack: पिता गुड़ फैक्टरी में करने गया था काम, मासूम की मौत के बाद वन विभाग व अवैध रूप से चल रहे गुड़ फैक्टरी संचालक पर भडक़े लोग

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Child died in elephant attack

Child dead body (Photo- Patrika)

भटगांव. सूरजपुर जिले के भटगांव क्षेत्र अंतर्गत चिकनी-धरमपुर में रविवार की रात करीब 1 बजे हाथी के हमले में एक मासूम बालक की जान (Child died in elephant attack) चली गई। दरअसल सोनगरा की ओर से भटक कर गांव पहुंचे हाथी ने अचानक एक झोपड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया, उसी झोपड़ी में एक महिला अपने 2 माह के बच्चे के साथ सो रही थी। झोपड़ी गिरने से बालक उसके नीचे दब गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई। इस दौरान मासूम का पिता गुड़ फैक्टरी में काम करने गया था।

भटगांव क्षेत्र के ग्राम चिकनी निवासी प्रकाश नाम का युवक गांव में संचालित गुड़ फैक्टरी में काम करता है। वह रविवार की रात फैक्टरी गया था। जब झोपड़ी में उसकी पत्नी व 2 माह का बच्चा सो रहे थे। रात करीब 1 बजे अचानक वहां दल से बिछडक़र एक हाथी (Child died in elephant attack) वहां पहुंच गया।

उसने झोपड़ी को सूंड से मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया। इससे झोपड़ी गिर गई और मां के साथ सो रहा मासूम दब गया, इससे उसकी मौके पर ही मौत (Child died in elephant attack) हो गई। बेटे को इस हालत में देख मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

Child died in elephant attack: अवैध रूप से चल रही गुड़ फैक्टरी

इस घटना (Child died in elephant attack) के बाद स्थानीय लोग भडक़े हुए हैं। उनका कहना है कि गांव में संचालित गुड़ फैक्ट्री अवैध है, फिर भी बिना रोक-टोक के कब से चल रही है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि अगर फैक्टरी अवैध है तो किसके संरक्षण में चल रही है और कार्रवाई किस वजह से रुकी हुई है।

लोगों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी मौके पर आते हैं, कागज़ी कार्रवाई और जांच के नाम पर रिपोर्ट तैयार कर वापस लौट जाते हैं, लेकिन धरातल पर कोई सुधार नजर नहीं आता। ग्रामीणों की मांग है कि अवैध फैक्ट्री पर तुरंत कार्रवाई हो।

हाथियों को लेकर अलर्ट क्यों जारी नहीं

इधर ग्रामीण वन विभाग की कार्यप्रणाली से भी आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि पिछले कुछ दिनों से हाथियों की लगातार आवाजाही बनी हुई थी। लेकिन वन विभाग द्वारा समय रहते कोई चेतावनी नहीं दी गई। अगर पहले ही अलर्ट जारी किया होताए तो शायद यह हादसा (Child died in elephant attack) टाला जा सकता था।


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