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खनन का खेल: पांच विभाग मिलकर भी नहीं बचा पा रहे बनास की कोख, धड़ल्ले से चल रहा है बजरी का अवैध खनन

Sand Mining Banned In Rajasthan: सुप्रीम कोर्ट की ओर से भले ही बजरी खनन पर पूर्णतया रोक लगा रखी है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी कहे या फिर मिलीभगत के कारण खनन जारी है।

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खनन का खेल: पांच विभाग मिलकर भी नहीं बचा पा रहे बनास की कोख, धड़ल्ले से चल रहा है  बजरी का अवैध खनन

खनन का खेल: पांच विभाग मिलकर भी नहीं बचा पा रहे बनास की कोख, धड़ल्ले से चल रहा है बजरी का अवैध खनन

राजमहल. बनास नदी (Banas River) में बजरी खनन (Gravel mining) के चलते उजड़ती बनास की कोख को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Order On Sand Mining In Rajasthan) की ओर से भले ही बजरी खनन पर पूर्णतया रोक लगा रखी है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी कहे या फिर मिलीभगत के कारण सुप्रीम कोर्ट की रोक महज एक कागजी खानापूर्ति बनकर रह गई है।

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खनन माफिया (mining mafia) बीसलपुर बांध (Bisalpur Dam)के डाउनस्ट्रीम से गुजरती बनास नदी के अंदर पिछले कई दिनों से धड़ल्ले से बजरी का अवैध खनन (Illegal mining of gravel) कर रहे हैं, जिन्हें रोकने के लिए सरकार (Government) की ओर से बनाई गई एसआईटी(Gravel SIT) नाम की पांच विभागों की टीम भी नाकाम साबित हो रही हैं।

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इस बारे में जब बनास नदी के किनारे पर देखा गया था तो वहां दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रॉली में जेसीबी (Jcb) मशीन से बजरी भरने का अवैध कारोबार जारी था। वहीं राजमहल, बोटूंदा, सतवाडा, संथली आदि गांवों के करीब मुख्य मार्गों , खेतों ,सार्वजनिक स्थानों आदि जगहों पर जगह-जगह बजरी के ढेर लगे हुए है। वहीं रात को इन गांवों के मुख्य मार्गों से शाम ढलते ही बजरी भरने के लिए ट्रकों की आवाजाही शुरू हो जाती है जो अलसुबह तक जारी रहती है।

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एक दूसरे पर टाल रहे बात
बनास नदी में बजरी के अवैध खनन को लेकर एसआईटी टीम में शामिल पांच विभाग (Mineral department) अपनी जिम्मेदारी को लेकर एक दूसरे पर बात टाल देते हैं। इस बारे में अगर पुलिस से बात करें तो उच्चाधिकारियों के निर्देश नहीं होने व खनिज विभाग का हवाला देकर टाल दिया जाता है।

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खनिज विभाग को शिकायत की जाती है तो पुलिस (police) जाप्ते का अभाव व जिले का एरिया काफी लंबा बताने के साथ ही कर्मचारियों व साधनों का अभाव बता दिया जाता है। इसी प्रकार राजस्व विभाग (Revenue Department) व उपखंड अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारियों से दूर हटते नजर आते हैं। ग्रामीणों की शिकायतों के बाद भी कार्यवाही को लेकर कोई विभाग सामने नजर नहीं आता है। इसी के कारण बजरी खनन माफिया के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।

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दिन में ढेर रात को परिवहन
बजरी खनन माफिया राजमहल, बोटूंदा, सतवाडा ,संथली, कुरासिया आदि गांव के करीब बनास नदी में दिनदहाड़े बजरी का अवैध खनन करते हैं। पिछले कुछ दिनों से प्रशासन की मिलीभगत के कारण बजरी खनन माफिया अब बनास नदी में लीज धारक(Lease holder)की भांति सीधे जेसीबी व पोकलैंड मशीन चला कर बजरी का खनन करने में लगे हैं।

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माफिया की ओर से दिन में ट्रैक्टर-ट्रॉलियां से गांवों के करीब खेतों ,सार्वजनिक स्थानों, बाडो आदि जगहों पर बजरी के ढेर लगा दिए जाते हैं। वहीं रात को कोटा व जयपुर से आने वाले ट्रकों में बजरी भरवा कर परिवहन का कार्य करते हैं, जिसके बारे में ग्रामीणों की ओर से बार-बार शिकायतें करने के बावजूद भी प्रशासन का कोई नुमाइंदा इन ट्रकों व ट्रैक्टरों को रोककर कार्यवाही करने नहीं पहुंचता है।

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सूचना मिली, नहीं पहुंच पाया प्रशासन
ग्रामीणों की शिकायत पर सोमवार रात को राजमहल गांव की ओर तहसीलदार देवली व दूनी थानाधिकारी को मौके पर भेजा गया था, लेकिन बनास में पानी की आवक होने के कारण मौके तक नहीं पहुंच पाए। अगर ऐसा है तो बनास के दूसरे किनारे पर टोडारायसिंह उपखंड अधिकारी से बात कर बजरी खनन पर कार्रवाई करवाने का प्रयास करेंगे।
अशोक कुमार त्यागी उपखंड अधिकारी देवली