11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan: भारी बारिश से खरीफ की फसल हो गई चौपट, अब रबी सीजन पर टिकी किसानों की उम्मीदें

Tonk News: औसत से दो गुना हुई बरसात ने जिले के बांध-तालाब लबालब कर दिए। वहीं एक सप्ताह पहले हुई बरसात के बाद अब तक भी खेतों में पानी है।

2 min read
Google source verification

टोंक

image

Anil Prajapat

Sep 17, 2025

crop-damage-due-to-rain

खेतों में भरा बारिश का पानी। फोटो: पत्रिका

टोंक। औसत से दो गुना हुई बरसात ने जिले के बांध-तालाब लबालब कर दिए। वहीं एक सप्ताह पहले हुई बरसात के बाद अब तक भी खेतों में पानी है। ऐेसे में खरीफ की फसल चौपट हो गई है। मौसम में नरमी और बारिश के चलते से सरसों की बुवाई भी जिले में समय पर नहीं हो सकेगी। इसका मुख्य कारण है कि जिले के अधिकतर खेत बारिश के पानी से भरे हैं।

कृषि विभाग का मानना है कि जिले में करीब 70 फीसदी रकबे में सरसों की बुवाई अक्टूबर के पहला सप्ताह से शुरू हो जाती है। यह सप्ताह रबी फसलों की बुवाई का मुख्य समय है। किसानों का कहना है कि जब तक खेतों का पानी नहीं सूख जाता तब तक बुवाई नहीं की जा सकती।

मौसम खुला, अब करेंगे तैयारी

एक सप्ताह से मौसम खुला हुआ है। दिन में धूप में भी तेजी है। ऐसे में खेत की मिट्टी सूखने लगी हैं। अन्य सालों में किसान सरसों, गेहूं व चना जैसी रबी फसलों की बुवाई शुरू कर देते हैं। लेकिन इस बार इसमें देरी होगी। कई जगह तो हालात ऐसे हैं कि खेतों में पानी भरा है। ऐसे में ट्रैक्टर तक नहीं जा पा रहा है। जिसके कारण बुवाई देरी से होगी। इसका सीधा असर पैदावार पर पड़ेगा।

यह हो चुका नुकसान

किसानों के मुताबिक एक बीघा में बुवाई और बीज मिलाकर कुल 5 से 6 हजार रुपए का खर्चा आता है। एक किसान के पास अगर 20 बीघा खेत है तो उसे एक लाख से एक लाख 20 हजार रुपए का नुकसान हो चुका है। इसका असर बेरोजगारी पर भी पड़ेगा। किसानों खेतों में काम करते थे। लेकिन अब अगले सीजन तक उन्हें स्वयं को रोजगार की तलाश रहेगी।

ये बोले किसान

10 बीघा खेत में खरीफ की बुवाई की थी। लेकिन अतिवृष्टि से सब चौपट हो गया। करीब सवा लाख रुपए का नुकसान हो चुका है। अब अगले सीजन की तैयारी में फिर आर्थिक भार आएगा।
-आमिर खान, किसान डांगरथल

किसानों को दोहरी मार पड़ी है। खरीफ सीजन में किसानों को कई जगह तो चारा तक नहीं मिला। ऐसे में मवेशियों के लिए भी संकट होगा। किसान इन दिनों चिंतित है।
-रामेश्वर चौधरी, डारडा हिंद

यह मानता है विभाग

कृषि विभाग सरसों बुवाई का अच्छा समय सितम्बर के अंत या 20 अक्टूबर तक ही मानता है। चने की बुवाई 20 अक्टूबर बाद या 5 नवम्बर तक की जाती है। सरसों, चने व गेहूं आदि की बुवाई से पहले तक किसान डीएपी खरीदकर करना चाहते हैं।