
दौलत सागर बांध में बने छेद को बंद करने में जुटे कर्मचारी। फोटो- पत्रिका
पीपलू। दौलत सागर बांध में सोमवार सुबह अचानक बड़ा छेद हो जाने से पानी तेजी से बाहर निकलने लगा। छेद से निकलता पानी आसपास के खेतों में भरने लगा, जिससे फसलों के खराब होने का खतरा बढ़ गया है। बांध से पानी रिसता देख ग्रामीणों में हड़कंप मच गया।
जानकारी के अनुसार बांध की चादर के निचले हिस्से में अलसुबह बड़ा छेद हो गया, जिसके बाद पानी लगातार बाहर निकलने लगा। सूचना मिलते ही उपखंड अधिकारी गणराज बडगोती, तहसीलदार कैलाशचंद मीणा, सिंचाई विभाग के एईएन मुकेश गुर्जर, अन्य कर्मचारी और ग्रामीण मौके पर पहुंचे।
सुबह 11 बजे तक रिसाव पूरी तरह नहीं रुक पाया। बाद में दो जेसीबी और दो एलएनटी मशीनें मंगवाई गईं। युद्ध स्तर पर शुरू हुए काम के बावजूद देर शाम तक पानी का रिसाव नहीं रुक सका। शाम को अतिरिक्त जिला कलक्टर रामरतन सौंकरिया भी मौके पर पहुंचे और बांध का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उनके साथ उपखंड अधिकारी गणराज बडगोती भी मौजूद रहे।
एईएन मुकेश गुर्जर ने बताया कि दौलत सागर बांध काफी पुराना और कच्चा बांध है, जिसे वर्ष 1960 में बनाया गया था। इसकी भराव क्षमता 13 फीट है। बांध की चादर लंबे समय से क्षतिग्रस्त थी, जिसकी मरम्मत नहीं की गई थी।
इस बांध से हाडीखुर्द, हाडीकला, जैबाड़िया, सोहेला, डारडातुर्की और दौलतपुरा सहित छह से अधिक गांवों के करीब 1100 हेक्टेयर खेतों में फसलों की सिंचाई होती है। खेतों में पानी भरने से किसानों में चिंता का माहौल बना हुआ है।
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प्रशासन की ओर से बांध के रिसाव को रोकने के प्रयास जारी हैं। तीन जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं, उम्मीद है कि जल्द ही रिसाव रोक लिया जाएगा।
Updated on:
10 Nov 2025 07:13 pm
Published on:
10 Nov 2025 07:10 pm
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