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स्कूलों में 11 सौ शिक्षक व व्याख्यता का इंतजार, 27 स्कूलों में शिक्षक ही बने हुए है हैड मास्टर

locationटोंकPublished: Jul 20, 2019 05:41:59 pm

Submitted by:

pawan sharma

education news जिले के विद्यालयों में रिक्त पद शिक्षा में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। आलम ये है कि जिले के 27 स्कूलों में प्राचार्य व हैड मास्टर के पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में बच्चोंं को उचित शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

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स्कूलों में 11 सौ शिक्षक व व्याख्यता का इंतजार, 27 स्कूलों में शिक्षक ही बने हुए है हैड मास्टर

टोंक. राज्य सरकार स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए बालसभा सहित अनेक प्रयास कर रही है, लेकिन स्कूलों में शिक्षकों व व्याख्याताओं के रिक्त पद अध्ययन में बाधा बन रहे है। शिक्षकों की मांग को लेकर हर वर्ष कई स्कूलों में ताले तक लग रहे है। इसके बावजूद स्कूलों में शिक्षकों व व्याख्याताओं का टोटा बना हुआ है।
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जिले के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त पद शिक्षा में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। आलम ये है कि जिले के 27 स्कूलों में प्राचार्य व हैड मास्टर के पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में स्कूल का प्रशासनिक कार्य समेत विद्यार्थियों का अध्ययन शिक्षकों को ही कराना पड़ रहा है।
जिले में माध्यमिक 72 तथा उच्च माध्यमिक 235 विद्यालय है। कई विषय तो ऐसे हैं जिनके जिले में पद ही सृजित नहीं है। ऐसे में उन विषयों को अन्य विषय के अध्यापक पढ़ा रहे हैं। ऐसे में बच्चोंं को उचित शिक्षा नहीं मिल पा रही है। जिले की सभी स्कूलों में करीब 11 सौ पद रिक्त हैं।
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प्राचार्य के 10 तथा हैड मास्टर के 17 पद रिक्त हैं। व्याख्याता में सर्वाधिक हिन्दी के 53 पद रिक्त चल रहे हैं। जिले में 328 में से महज 275 ही है। इसके अलावा अंगे्रजी के 10, भौतिक विज्ञान के एक, जीव विज्ञान के 4, गणित के 2, कृषि विज्ञान के 9, वाणिज्य के 6, अर्थ शास्त्र एक, राजनीति विज्ञान के 14, संस्कृत के 6, इतिहास के 15, भूगोल के 33, संगीत, चित्रकला 8, गृह विज्ञान के 5 पद रिक्त है।
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व्याख्याताओं में राजस्थानी व प्रशासनिक समेत कई विषयों के तो पद ही सृजित नहीं है। वरिष्ठ व्याख्याताओं में सर्वाधिक पद गणित विषय के शिक्षकों के रिक्त चले रहे हैं। इस विषय में 83 पद रिक्त है। इसके अलावा हिन्दी के 9, अंग्रेजी के 17, विज्ञान के 39, संस्कृत के 4, विशेष शिक्षा के 4 पद रिक्त हैं।
तृतीय श्रेणी लेवल 2 में हिन्दी के 16, अंग्रेजी के 29, गणित के 9, सामाजिक में 18 तथा लेवल एक में 51, पीईटी प्रथम श्रेणी में 2, द्वितीय में 11, तृतीय में 28 पद रिक्त है।
इसके अलावा लैब एसिसटेंट द्वितीय श्रेणी में 8, तृतीय में 35, लाइब्रेरियन प्रथम श्रेणी में एक, द्वितीय में 16, तृतिय में 11, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के 4, वरिष्ठ सहायक के 23, कनिष्ठ सहायक के 115, जमादार के 6, लैब ब्वॉय के 24 पद रिक्त हैं। ऐसे में कुल 6 हजार 238 में से एक हजार 92 पद रिक्त चल रहे हैं।

माध्यमिक में ये पद ही नहीं है
माध्यमिक स्तर के स्कूलों में कई पद सृजित ही नहीं है। इसमें प्रशिक्षक, संगीत शिक्षक, स्वास्थ्य, क्राफ्ट, एस्सिटेंट एकाउंट ऑफिसर, होस्टल वार्डन, नर्स, वार्ड ब्वॉय, स्टेनो, स्वीपर, कुक, चालक, कृषि शिक्षा प्रभारी, फिल्ड रिकॉर्डर आदि के पद सृजित ही नहीं है।

एक दूसरे का देख रहे कार्य
रिक्त पदों के चलते स्कूल में खाली कालांश में अन्य विषय के अध्यापक ही अध्ययन करा रहे हैं। हालांकि वे शिक्षक उस विषय के नहीं है, लेकिन विद्यार्थियों की पढ़ाई में कमी नहीं रहे इसके चलते उन्हें एक-दूसरे का कार्य देखना पड़ रहा है।
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