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सुरक्षा देने वालों के परिवार संकट में ,जर्जर आरएसी क्वार्टर की बालकनी का गिरा छज्जा

RAC Quarter आरएसी जवानों के परिवार इन दिनों दहशत में जी रहे हैं। ये दहशत इसलिए है कि वे जिन क्वार्टर में रह रहे हैं, वो जर्जर हालत में है।

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सुरक्षा देने वालों के परिवार संकट में ,जर्जर आरएसी क्वार्टर की बालकनी का गिरा छज्जा

टोंक. आमजन को चौबीस घंटे सुरक्षा मुहैया कराने वाले आरएसी जवानों के परिवार इन दिनों दहशत में जी रहे हैं। ये दहशत इसलिए है कि वे जिन क्वार्टर में रह रहे हैं, वो जर्जर हालत में है।

सोमवार रात ही क्वार्टर की बी विंग के दो छज्जे भर-भराकर गिर गए। इन छज्जों के नीचे तीन बच्चे खेल कर रहे थे, लेकिन गनीमत रही कि वे कुछ समय पहले ही यहां से उठकर अंदर चले गए थे। थोड़ी देर और यहां बैठे रहते तो बड़ा हादसा हो सकता था। इसके बाद क्वार्टर में रहने वाले जवानों के परिवार सहम गए।

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वे सभी मौके पर जमा हुए, लेकिन महज अफसोस के अलावा कुछ नहीं कर सके। मंगलवार सुबह उक्त परिवार ने ये क्वार्टर खाली कर दिया। चौंकाने वाली बात ये है कि ये क्वार्टर काफी साल पुराने नहीं नहीं है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने वर्ष 2008 में ही यहां 270 क्वार्टर का निर्माण कराया था। अभी इनके निर्माण को महज 11 साल ही हुए हैं कि ये गिर रहे हैं।


महज 11 साल की मियाद
अमूमन निर्माण के बाद एक भवन के जर्जर (कण्डम) होने की मियाद करीब 100 साल होती है, लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से आरएसी क्वार्टर में कराया गया निर्माण तो महज 11 साल में ही गिरने के कगार पर है।

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इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस सरकारी काम में किस प्रकार लापरवाही बरती जाती है। लगातार गिरते चूने तथा छज्जों से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इस निर्माण में पूर्णरूप से घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया है।

अघोषित कंडम बताया
अभी निर्माण को महज 11 साल ही हुए हैं कि सी विंग के 24 क्वार्टर को अघोषित रूप से कंडम बता दिया गया। यहां रहने वाले जवानों के 24 परिवारों से ये क्वार्टर खाली करा दिए गए। अब ये परिवार अन्य क्वार्टर में रह रहे हैं।

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इसी के समीप की विंग की हालत भी कुछ ऐसी ही है। ये भी कभी भी खाली कराई जा सकती है। हालांकि लिखित रूप से इन्हें कंडम साबित नहीं किया, लेकिन अधिकारियों ने इनके गिरते चूने तथा प्लास्टर के चलते खाली करने को कह दिया।

टपकती है छत
जवानों के परिवारजनों का कहना है कि बरसात के मौसम में छत से पानी टपकता है। कई विंग तो ऐसी है जिनकी जानकारी चौंकाने वाली वाली है। तीन मंजिला विंग की बीच की छत से पानी टपकता है।

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जबकि पहली व निचली विंग सही है। परिवार के लोगों का कहना है कि बार-बार गिरते प्लास्टर को मरम्मत कराने में अब परेशानी होने लगी है। कई बार मरम्मत करा चुके, लेकिन पूरा भवन ही प्लास्टर छोड़ रहा है। छज्जे हिलते हैं। ऐसे में उस पर जाने से भी डर लगता है। कई छज्जे तो अभी से ही झूल गए हैं। उनमें दरारे आ गई है।


अब बोले सही नहीं बने छज्जे
छज्जे गिरने की सूचना पर आरएसी क्र्वाटर्स पहुंचे पीडब्ल्यूडी के एईएन संजय कियान ने बताया इनके डिजायन सही नहीं थे। निर्माण के समय खामी रही है। सभी छज्जे जर्जर हो रहे है। जल्द ही सभी की मरम्मत कराई जाएगी।

फाइल देखने से पता लगेगा
हां ये सही है कि आरएसी क्वार्टर के छज्जे गिर गए हैं। निर्माण की जानकारी नहीं है। ऑफिस में फाइल मंगवाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- भगवानसिंह मीणा, अधिशासी अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग, टोंक

सभी आवास जर्जर हालत में है। छज्जा गिरने के बाद सोमवार देर शाम मौके पर गया था। उक्त क्वार्टर को खाली कराया गया है। सुबह पीडब्ल्यूडी एईएन को लेकर जर्जी हालत दिखाई गई है। सभी क्वार्टर मरम्मत मांग रहे है।
जगमोहन, अस्सिटेंट कमाण्डेंड, आरएसी टोंक

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