
एक कैफे पर कार्रवाई करते अधिकारी। फोटो: पत्रिका
Tonk News: टोंक शहर में संचालित कैफे में हो रही अवैध गतिविधियों को लेकर अब प्रशासन सख्त हो गया है। जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल के निर्देश पर उपखंड अधिकारी हुक्मीचंद रोहलानिया के नेतृत्व में पुलिस उपाधीक्षक राजेश विद्यार्थी और नगर परिषद आयुक्त धर्मपाल ने शहर में संचालित अवैध कैफे पर ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई की। इससे संचालकों में हड़कंप मच गया।
टीम ने कोटा शहर के कई इलाकों में संचालित 7 कैफे सीज किए हैं। अभी अन्य कैफे की जांच बाकी है। गौरतलब है कि कैफे में चल रही अवैध गतिविधियों की शिकायत काफी समय से चल रही है।
गत वर्ष नाबालिग के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की शुरुआत भी कैफे से हुई थी। तब कई कैफे बंद किए गए थे। कुछ कैफे संचालक गिरफ्तार भी हुए थे। इसके बाद मामला ठंडा हो गया तो फिर से कैफे शुरू हो गए। गत दिनों भाजपा पदाधिकारियों की ओर से कलक्ट्रेट में किए गए प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने यह कार्रवाई की।
कलक्टर के निर्देश पर टीम ने चाइनीज कैफे छावनी, साउथ इंडियन कैफे छावनी, चाइनीज कैफे ताल कटोरा, राधे-राधे कैफे डाइट रोड, हिमालय बैकरी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने, आरडी कैफे देवली रोड तथा मारवाडी कैफे देवली रोड को सीज किया गया है। यहां अवैध गतिविधियों के साथ-साथ अतिक्रमण, अवैध निर्माण, अप्राधिकृत विकास, अवैध पार्किंग, ठोस कचरा प्रबंधन का अभाव, ट्रेड लाइसेंस का अभाव व फायर एनओसी का अभाव मिला है। ऐसे में इन्हें सीज किया गया है।
शहर के प्रत्येक इलाकों में कैफे संचालित हो रहे हैं। यहां चाइनीज समेत अन्य प्रकार के नाश्तों के साथ चाय व कॉफी दी जाती है। इनमें छोटी-छोटी केबिन बनाई हुई है। जहां युवक-युवतियां अलग से बैठते हैं। जबकि यह नियमों के खिलाफ है। लोगों ने मांग रखी है कि कैफे का अंदर का परिसर होटल व ढाबों की तरह खुला रहे। उनमें कमरों व केबिन की सुविधा नहीं हो। जो भी नाश्ता करने आए वो खुले में लगी कुर्सी-टेबल पर ही बैठे।
Published on:
02 Oct 2025 09:58 am
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