scriptतीस साल बाद नई पीढ़ी के नए किस्से लेकर लौट रही है ‘Wagle Ki Duniya’ | Wagle Ki Duniya coming back with new flavour with Sumeet Raghavan | Patrika News

तीस साल बाद नई पीढ़ी के नए किस्से लेकर लौट रही है ‘Wagle Ki Duniya’

locationमुंबईPublished: Dec 07, 2020 04:13:13 pm

80 के दशक के आखिर में दूरदर्शन पर दिखाया गया ‘वागले की दुनिया’ ( Wagle Ki Duniya ) धारावाहिक
लीड रोल निभाने वाले अंजन श्रीवास्तव ( Anjan Srivastav ) को शो के साथ मिली शानदार लोकप्रियता
इस बार ‘वागले की दुनिया’ में वागले के किरदार में सुमीत राघवन ( Sumeet Raghavan ) नजर आएंगे

तीस साल बाद नई पीढ़ी के नए किस्से लेकर लौट रही है 'Wagle Ki Duniya'

तीस साल बाद नई पीढ़ी के नए किस्से लेकर लौट रही है ‘Wagle Ki Duniya’

-दिनेश ठाकुर

करीब तीस साल बाद ‘वागले की दुनिया’ ( Wagle Ki Duniya ) नई पीढ़ी के नए किस्से लेकर टेलीविजन पर लौट रही है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो अगले साल एक प्राइवेट चैनल पर इस हास्य धारावाहिक का प्रसारण शुरू होगा। अस्सी के दशक के आखिर में दूरदर्शन पर दिखाया गया यह धारावाहिक खासा लोकप्रिय रहा था। इसमें शीर्षक किरदार अदा करने वाले अंजन श्रीवास्तव ( Anjan Srivastav ) उसी तरह ‘वागले’ के तौर पर मशहूर हो गए थे, जैसे अरुण गोविल ‘राम’, नीतीश भारद्वाज ‘कृष्ण’ और रघुवीर यादव ‘मुंगेरी लाल’ के रूप में हुए। इस बार ‘वागले की दुनिया’ में वागले के किरदार में सुमीत राघवन नजर आएंगे।

भारती सिंह और हर्ष की तीसरी मैरिज एनिवर्सरी: जानिए दोनों के लिए क्या है सच्चे रोमांस का मतलब

लक्ष्मण के आम आदमी की नुमाइंदगी
इस धारावाहिक की वापसी ऐसे समय हो रही है, जब न इसके जनक आर.के. लक्ष्मण दुनिया में हैं और न उनकी कल्पनाओं को मूल धारावाहिक में सलीके से साकार करने वाले कुंदन शाह। लक्ष्मण के कार्टूनों में जो आम आदमी नजर आता है, वागले का किरदार उसी की नुमाइंदगी करता है। इस किरदार के जरिए हम मध्यम वर्ग की दुनिया से रू-ब-रू होते हैं, जहां उम्र छोटे-छोटे सपने देखने में गुजर जाती है और जहां छोटी-सी खुशी बड़े जश्न की जमीन तैयार कर देती है। यह खुशी भी जाने कैसे-कैसे हालात से गुजर कर हाथ आती है। गालिब फरमाते हैं- ‘पहले आती थी हाले-दिल पे हंसी/ अब किसी बात पर नहीं आती।’ लेकिन आर.के. लक्ष्मण और कुंदन शाह ने ‘वागले की दुनिया’ में आम आदमी की सोच-समझ के इर्द-गिर्द सहज घटनाओं का जो ताना-बाना बुना, वह बार-बार स्वाभाविक हंसी पैदा करता है। ऐसी हंसी, जो आपके अंदर से आती है और चेहरे पर फूल की तरह खिलती है।

बीमारियों से जूझ रही एक्ट्रेस, भाई हुआ लकवे से ग्रस्त, आर्थिक तंगी के चलते मांग रही मदद

एक दिलचस्प प्रसंग
‘वागले की दुनिया’ में एक दिलचस्प प्रसंग था। भोला-भाला वागले दीपावली पर पर्दे का कपड़ा खरीदने पहुंचता है। दुकान पर उसे चिकनी-चुपड़ी बातों में ऐसा उलझाया जाता है कि वह जरूरत से कई गुना ज्यादा कपड़ा खरीद कर घर लौटता है। अगले सीन में हम देखते है कि पर्दे के अलावा उसके घर में सोफा कवर भी इसी कपड़े के हैं। पर्दे के बचे हुए कपड़े से वागले की शर्ट भी बन जाती है और उसकी पत्नी (भारती अचरेकर) की साड़ी भी।

साफ़-सुथरा मनोरंजन
कुंदन शाह ने अपनी पहली फिल्म ‘जाने भी दो यारो’ में आम आदमी के इर्द-गिर्द घूमने वाली सहज घटनाओं से गुदगुदाने का जो सलीका आजमाया था, ‘वागले की दुनिया’ में उन्होंने उसी को विस्तार दिया। यह धारावाहिक सनद है कि फूहड़ता, द्विअर्थी संवादों और अजीबो-गरीब शक्लें बनाए बगैर भी लोगों को हंसाया जा सकता है।

शाहरुख खान का छोटा-सा किरदार
‘वागले की दुनिया’ में शाहरुख खान ( Shahrukh Khan ) का भी छोटा-सा किरदार था। इसके बाद वाया ‘फौजी’ उनके सितारे फिल्मों में बुलंद हुए। कुंदन शाह ( Kundan Shah ) ने दूरदर्शन के एक और चर्चित धारावाहिक ‘नुक्कड़’ की कुछ कडिय़ों का भी निर्देशन किया। हरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचनाओं पर आधारित ‘परसाई कहते हैं’ उनका एक और उल्लेखनीय धारावाहिक है। अपनी तमाम खूबियों के बावजूद ‘जाने भी दो यारो’ का कारोबार नरम रहा तो कुंदन शाह ने शाहरुख खान को लेकर ‘कभी हां कभी ना’ बनाई। यह उनके लिए ‘आने भी दो यारो’ (धन) साबित हुई। ‘क्या कहना’ (प्रीति जिंटा, सैफ अली खान) उनकी सबसे कामयाब फिल्म रही।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो