बाल कल्याण न्यायापीठ की अध्यक्ष डॉ.प्रीति जैन व सदस्य बी.के.गुप्ता ने परिजनों के बयान के बाद बच्ची को सुरक्षा मुहैया करवाते हुए उनके साथ भेज दिया। परिजनों ने बताया कि शनिवार अपराह्न करीब 3.30 बजे बच्ची अपने घर के आंगन में अकेली खेल रही थी। सौतेली मां पास बीड़े में बैल चराने गई थी। मां-बाप व भाई उदयपुर में मजदूरी के लिए आए हुए थे।
बच्ची को अकेला देखकर पड़ोस में रहने वाला एक अपचारी उसे अपने घर ले गया, वहां पर भी कोई नहीं होने से उसने बच्ची के साथ बलात्कार किया। उसके नाजुक अंगों पर चोट पहुंचने के साथ रक्तस्राव हो गया। करीब 5.30 बजे बच्ची रोती हुई घर लौटी। उसके कपड़े खून से भरे थे।
रात भर से भूखे प्यासे रहे परिजन व पीडि़ता
सुबह झाड़ोल थाना पुलिस पीडि़ता एवं उसके मां-बाप के अलावा एक अन्य मामले में पोस्टमार्टम के लिए एक किशोरी का शव लेकर एमबी.चिकित्सालय लाई। पुलिस पोस्टमार्टम की आवश्यक कार्रवाई में लगी थी तब तक मासूम को लेकर परिजन इमरजेंसी में बैठे रहे। काफी देर तक बच्ची का मेडिकल नहीं होने एवं चिकित्सकों को नहीं दिखाने पर परिजन सहित अन्य लोग बिफर पड़े। बाद में पुलिस ने आनन-फानन में पीडि़ता को चिकित्सकों को दिखाया। परिजनों का कहना था कि रात भर वे बच्ची के साथ झाड़ोल थाने में ही रहे, उन्होंने रात से खाना भी नहीं खाया।
सुबह झाड़ोल थाना पुलिस पीडि़ता एवं उसके मां-बाप के अलावा एक अन्य मामले में पोस्टमार्टम के लिए एक किशोरी का शव लेकर एमबी.चिकित्सालय लाई। पुलिस पोस्टमार्टम की आवश्यक कार्रवाई में लगी थी तब तक मासूम को लेकर परिजन इमरजेंसी में बैठे रहे। काफी देर तक बच्ची का मेडिकल नहीं होने एवं चिकित्सकों को नहीं दिखाने पर परिजन सहित अन्य लोग बिफर पड़े। बाद में पुलिस ने आनन-फानन में पीडि़ता को चिकित्सकों को दिखाया। परिजनों का कहना था कि रात भर वे बच्ची के साथ झाड़ोल थाने में ही रहे, उन्होंने रात से खाना भी नहीं खाया।