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AI संभालेगा उदयपुर का ट्रैफिक: भीड़ वाली लेन को मिलेगी ग्रीन लाइट, एंबुलेंस-फायर ब्रिगेड को तुरंत मिलेगा रास्ता

AI Handle Udaipur Traffic: उदयपुर में फतहपुरा चौराहे पर आज से एआई ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम का ट्रायल शुरू होगा। भीड़ वाली लेन को ग्रीन लाइट देगा, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की आवाज पहचानकर तुरंत रास्ता खोलेगा।

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AI Handle Udaipur Traffic

AI Handle Udaipur Traffic (Photo-AI)

AI Handle Udaipur Traffic: उदयपुर शहर अब ट्रैफिक प्रबंधन में तकनीक का नया अध्याय लिखने जा रहा है। फतहपुरा चौराहे पर शुक्रवार से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम का ट्रायल शुरू हुआ है। यह सिस्टम अब तक के परंपरागत सिग्नल संचालन से बिलकुल अलग होगा। एआई खुद तय करेगा कि किस लेन को ग्रीन लाइट दी जाए और किसे रेड पर रोकना है।


बता दें कि इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह वाहन संख्या के आधार पर खुद ही निर्णय लेगा। अब किसी भी लेन में वाहनों की लंबी कतार लगने की स्थिति में एआई उस दिशा की रेड लाइट को तुरंत ग्रीन कर देगा। वहीं, जिस लेन में ट्रैफिक कम है, वहां सिग्नल का इंतजार भी कम होगा। फिलहाल, इस सिस्टम का ट्रायल केवल फतहपुरा चौराहे पर किया जा रहा है।


ऐसे करेगा काम


एआई कैमरे हर दिशा से आने वाले ट्रैफिक की लगातार निगरानी करेंगे। यदि किसी लेन में वाहन नहीं हैं, तो सिस्टम लगभग 5 सेकंड तक इंतजार करेगा और फिर दूसरी लेन को ग्रीन सिग्नल दे देगा। इससे वाहन चालकों को अनावश्यक रेड लाइट पर खड़े नहीं रहना पड़ेगा। ट्रैफिक डीएसपी अशोक आंजना ने बताया, सुबह और शाम के समय शहर में ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाता है। ऐसे में यह तकनीक जाम की स्थिति को काफी हद तक कम करेगी।


एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को तुरंत मिलेगा रास्ता


नई तकनीक सिर्फ ट्रैफिक कंट्रोल तक सीमित नहीं है। एआई सिस्टम में विशेष साउंड सेंसर भी लगाए गए हैं, जो एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड की सायरन आवाज पहचान लेंगे। जैसे ही इनकी ध्वनि कैमरों या सेंसर तक पहुंचेगी, सिस्टम स्वत: उस दिशा का सिग्नल ग्रीन कर देगा, जिससे आपात वाहन बिना रुकावट आगे बढ़ सकें।


मोबाइल एप से होगा कंट्रोल


पूरा सिस्टम मोबाइल एप से नियंत्रित किया जा सकेगा। अधिकारी रीयल-टाइम में किसी भी सिग्नल की स्थिति देख सकेंगे और जरूरत पड़ने पर मैन्युअल रूप से हस्तक्षेप भी कर सकेंगे। एक चौराहे पर इस एआई सिस्टम को लगाने में करीब 10 लाख रुपए का खर्चा आएगा।


रिव्यू के बाद अन्य चौराहों पर भी विस्तार की योजना


ट्रायल के दौरान सिस्टम के रिजल्ट का तकनीकी मूल्यांकन किया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम इसके प्रदर्शन की समीक्षा करेगी। यदि परिणाम संतोषजनक रहे, तो आने वाले महीनों में शहर के प्रमुख चौराहों सूरजपोल, चेतक सर्कल और दिल्ली गेट पर भी इसे लागू करने की योजना है।


बताते चलें कि फतहपुरा चौराहे पर शुक्रवार शाम को कैमरे और सेंसर इंस्टॉल कर दिए गए। तकनीकी टीम लगातार ट्रैफिक पैटर्न का डेटा रिकॉर्ड कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है, यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो यह राजस्थान का पहला पूर्ण एआई ट्रैफिक कंट्रोल मॉडल बन सकता है, जो भविष्य में अन्य शहरों के लिए भी उदाहरण बनेगा।


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