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Mental Health Day: राजस्थान में 20% से अधिक युवा मेंटल हेल्थ से पीड़ित, कारोबारी-पुलिस और कामकाजी महिलाएं ज्यादा प्रभावित

Mental Health Day: मानसिक स्वास्थ्य को अक्सर केवल अच्छी नींद या तनावमुक्त दिनचर्या तक सीमित समझा जाता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह शारीरिक स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और पारिवारिक सुख से भी जुड़ा है।

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Mental Health Day

Rajasthan Mental Health Report (Photo-AI)

Mental Health Day: जयपुर: राजस्थान में मेंटल हेल्थ को लोग केवल अच्छी नींद या तनावमुक्त दिनचर्या से जोड़ते हैं। मनोवैज्ञानिक मेंटल हेल्थ को शारीरिक स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और पारिवारिक सुख का अहम कारण मानते हैं।


मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, राजस्थान के नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप शर्मा के मुताबिक, राज्य में 20 प्रतिशत से अधिक वयस्क किसी न किसी रूप में मेंटल हेल्थ से पीड़ित हैं। मेंटल हेल्थ न केवल व्यक्तिगत कल्याण, बल्कि परिवार, समाज और देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। स्वस्थ मानसिकता उत्पादकता बढ़ाती है, रिश्तों को मजबूत करती है और सामाजिक सद्भाव को समृद्ध करती है।

Photo-AI


मनोचिकित्सकों का मानना है कि तनावग्रस्त व्यक्ति काम को जल्द से जल्द निपटाता है। ऐसे में वह अपनी प्राथमिकताओं को भूल सकता है और गलती पर बदले की भावना से भर जाता है। जैसे तनावग्रस्त पुलिसकर्मी की चूक कानून व्यवस्था को प्रभावित कर सकती है। इसी तरह वकील, पत्रकार, कामकाजी महिलाओं, शिक्षकों आदि पर भी प्रभाव पड़ सकता है। स्कूली बच्चों में मानसिक तनाव शैक्षणिक प्रगति को बाधित करता है।


कैसे सुधरे मानसिक स्वास्थ्य


जागरूकता अभियान…स्कूलों, कार्यस्थलों और समुदायों में मेंटल हेल्थ जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। क्ली€निक की स्थापना…प्रत्येक जिले में मेंटल हेल्थ क्लीनिक स्थापित किए जाएं। काउंसलिंग सेवाएं…पुलिस, पत्रकार व डॉ€क्टरों जैसे उच्च तनाव वाले पेशों के लिए अनिवार्य काउंसलिंग। हेल्पलाइन का विस्तार…राजस्थान की मानसंवाद हेल्पलाइन को और प्रभावी बनाया जाए। प्रशिक्षण…प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण को शामिल किया जाए।

अलग से बजट जरूरी


मेंटल हेल्थ का सबसे बड़ा कारण काम नहीं बल्कि काम को लेकर तनाव, परफार्मेंस और उससे जुड़ी इमेज है। राज्य के कुछ मेडिकल कालेजों को छोड़ सभी जगह मानसिक स्वास्थ्य की सुविधाएं हैं। सरकार से मांग की है इसके लिए अलग से बजट दिया जाए, ताकि मेंटल हेल्थ पर पूरी तरह फोकस किया जा सके।
-डॉ. ललित बत्रा, अधीक्षक, मेंटल हॉस्पिटल, जयपुर

Photo-AI

खराब मेंटल हेल्थ के लक्षण


व्य€क्ति वर्तमान से दूर अतीत या भविष्य में जीता है। अचानक उग्र होकर असामान्य व्यवहार करना। भ्रम, आशंका या शक की गुंजाइश ज्यादा होना। बात-बात में चेहरे का भाव और रंग बदल जाना। अचानक से कुछ आवाजें सुनाई देने की आशंका। मकान लॉक करने के बाद वापस ताला चेक करना। बायोमैट्रिक हाजिरी के कुछ देर बाद फिर थंब लगाना।


इन शहरों में कैसा है लोगों का मानसिक स्वास्थ्य (आंकड़े प्रतिशत में)


जयपुर में 75, उदयपुर में 72, जोधपुर में 70, कोटा में 68, अजमेर में 67, बीकानेर में 65, अलवर में 64, सीकर में 63, भरतपुर में 62 और पाली में 60।


इन लोगों का बिगड़ा मानसिक स्वास्थ्य (आंकड़े प्रतिशत में)


पुलिसकर्मी 40, दुकानदार और व्यापारी 38, कामकाजी महिलाएं 35, स्कूली बच्चे 20 और टीचर 28।


किसका कितना मानसिक स्वास्थ्य (आंकड़े प्रतिशत में)


पुलिस 60, दुकानदार/व्यापारी 62, कामकाजी महिलाएं 65, इंजीनियर 68, वकील 70, डॉ€क्टर 70, फर्स्ट ग्रेड अधिकारी 70, घरेलू महिलाएं 70, स्कूली टीचर 72, खिलाड़ी 75, विधायक 78, कैबिनेट मंत्री 78 और स्कूली बच्चे 80।
नोट: औसत वयस्क मेंटल हेल्थ 85-90 प्रतिशत और स्कूली बच्चों की 90-95 प्रतिशत जरूरी।