
राजस्थान आबकारी विभाग (फोटो- पत्रिका)
उदयपुर: शराब बेचकर राजस्व छलकाने वाले आबकारी विभाग के पुराने बकाया का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। ठेकेदारों का करीब 22 सौ करोड़ का बकाया चल रहा है। सरकार की एमनेस्टी योजना और कई तरह की स्कीम के बावजूद वे सामने नहीं आ रहे। वसूली के दौरान सामने आ रहा है कि ठेकेदारों ने सेठ बनकर दुकानें उठाई, उधारी छोड़ भाग गए और जब वसूली करने पहुंचे तो कोई निकला नौकर तो कोई फर्जी आदमी।
आबकारी विभाग ने राजस्व बकाया के पुराने प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए हाल में एमनेस्टी योजना चलाई, फिर भी वसूली नहीं हो पा रही। इस योजना के तहत बकायादारों को सिर्फ मूल बकाया राशि जमा करवाने और ब्याज व पेनल्टी की शत-प्रतिशत माफी का प्रावधान किया है, फिर भी बकायादार सामने नहीं आ रहे।
वर्ष 2021-22 की नीति के बाद बकाया का हिस्सा बढ़ा। छोटे कारोबारी या फर्जी नामों से दुकानें उठाकर भाग गए। अधिकारी वसूली के बजाए तर्क दे रहे कि ये वे ठेकेदार थे, जिनके पास न पूंजी है न संपत्ति इसलिए वसूली मुश्किल है। वसूली की बजाए ठेकेदारों को बार-बार समय दिया गया। नई नीति में अंग्रेजी शराब की गारंटी भी बढ़ा कारण बनकर सामने आई।
आरएसजीएसएम और अन्य निजी शराब फैक्ट्रियों द्वारा कम तेजी की देसी मदिरा बाजार में भेजी और बचे हुए स्प्रिट से मदिरा बनाकर अवैध रूप से विक्रय कर दी, जिससे लाइसेंसियों को गारंटी पूर्ति करने में कठिनाई हुई और बकाया बढ़ा और राजस्व का नुकसान हुआ।
-प्रदेश भर में 2181.58 करोड़ का पुराना बकाया
-सबसे ज्यादा अलवर जिले में 166.45 करोड़ रुपए
-दूसरे नंबर पर जयपुर सिटी 164.46 करोड़ रुपए
-तीसरे पर जोधपुर 158.63 करोड़ रुपए
-चौथे पर झालावाड़ 147.05 करोड़ रुपये
-अलवर जिले में 166.45
-जयपुर सिटी में 164.46
-जोधपुर में 158.63
-झालावाड़ में 147.05
-कोटा में 126.65
-भरतपुर में 94.59
-श्रीगंगानगर में 92.09
-बीकानेर में 89.55
-नागौर में 86.99
-जयपुर ग्रामीण में 78.71
Updated on:
17 Sept 2025 12:43 pm
Published on:
17 Sept 2025 11:41 am
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