
रुद्रेश शर्मा
Udaipur News : कला के विद्यार्थी के इनोवेशन से हर कोई हैरान। विज्ञान के विद्यार्थियों को तकनीक संबंधी नवाचार करते तो आपने देखा होगा, लेकिन उदयपुर में अपने पिता के साथ फर्नीचर का काम करने वाला बीए सेकंड ईयर का विद्यार्थी इन दिनों अपने इनोवेशन को लेकर चर्चाओं में है।
अम्बेरी क्षेत्र निवासी इस युवा ने तीन माह की अवधि में ई-बाइक बना डाली। यह एक बार चार्ज करने पर सौ से डेढ सौ किमी तक चलती है। कोई हाथ लगाए तो सेंसर आवाज करता है। रिमॉट से लॉक-अनलॉक होती है। साठ किमी प्रति घंटा इसकी स्पीड है। सामान्य समझ वाले युवक के इस नायाब कारनामे को देख हर कोई हैरान है।
ई-बाइक बनाने वाले 19 वर्षीय चंद्रशेखर लोहार के अनुसार, परिवार की आर्थिक दशा बहुत अच्छी नहीं होने से वह अपने पिता के साथ फर्नीचर के काम में हाथ बंटाता है। उसे बचपन से ही इस तरह के तकनीक आधारित खिलौने बनाने का शौक रहा है। इसी शौक ने उसे ई-बाइक बनाने के लिए प्रेरित किया। आजकल सड़कों पर दौड़ते इलेक्ट्रिक स्कूटर को देख उसके मन में ई-बाइक बनाने का खयाल आया। उसने अपने इस सपने को साकार करने की ठानी और महज तीन माह में ई-बाइक बना डाली।
पिता मदनलाल बताते हैं कि बेटा पहले भी ऐसे मोटरचालित लकड़ी के खिलौने बना चुका है। उसे थोड़ा बहुत मैकेनिक का काम भी आता है। पहले मिस्त्री की मदद से अपनी स्कूटी को बाइक में तब्दील करवा चुका है।
चंद्रशेखर के अनुसार उसकी बनाई ई-बाइक का कुल वजन करीब 25 किलोग्राम है। इसमें 16 किलो लोहा लगा है, जबकि पांच बैट्रियां लगाई गईं हैं। एक बैटरी 12 वोल्ट की है। बैट्रियों की कुल क्षमता 60 वोल्ट है। यह बैट्रियां लगभग छह घंटे में पूरी तरह चार्ज हो जाती हैं। हजार वॉट की एक मोटर लगाई गई है। एक बार चार्ज होने पर बाइक सौ से डेढ़ सौ किमी चल जाती है।
Updated on:
18 Feb 2025 11:32 am
Published on:
18 Feb 2025 08:40 am
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