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85 किमी दूर, बच्चे को झूले में सुलाकर दी परीक्षा, पढ़िए ममता और मेहनत की अनोखी कहानी

Udaipur: 24 अगस्त 2025 को आयोजित इस परीक्षा के लिए काली को कोटड़ा से लगभग 85 किलोमीटर दूर जाना पड़ा। कठिन परिस्थितियों के बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी।

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Udaipur

सम्मानित करते हुए (फोटो- पत्रिका)

उदयपुर: कहते हैं कि अगर पढ़ने की सच्ची लगन और इच्छा हो तो कोई भी परिस्थिति सफलता के रास्ते में बाधा नहीं बन सकती। इसी बात को चरितार्थ कर दिखाया है कोटड़ा क्षेत्र की काली तराल ने। मात्र एक माह के शिशु की मां होने के बावजूद काली ने न सिर्फ राज्य सरकार की मान्यता प्राप्त आरएससीआईटी कंप्यूटर परीक्षा दी, बल्कि अच्छे अंकों से पास भी हुई।


बता दें कि 24 अगस्त 2025 को आयोजित इस परीक्षा के लिए काली को कोटड़ा से लगभग 85 किलोमीटर दूर जाना पड़ा। कठिन परिस्थितियों के बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी। परीक्षा के दौरान उसने बच्चे को साथ ले जाकर देशी झूला बनाया और झूले में शिशु को सुलाकर परीक्षा पूरी की। यह जज़्बा अपने आप में एक बड़ी प्रेरणा है कि जब नारी ठान ले तो कोई जिम्मेदारी उसके सपनों को रोक नहीं सकती।


अच्छे अंकों से सफलता प्राप्त की


परीक्षा का परिणाम 10 सितंबर 2025 को घोषित हुआ, जिसमें काली ने अच्छे अंकों से सफलता प्राप्त की। उनकी इस उपलब्धि पर कोटड़ा सरपंच जयश्री ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया और कहा कि यदि महिलाएं और बेटियां कठिन परिश्रम करें तो कोई मंजिल दूर नहीं।


वहीं, जिला संचालक जिनेन्द्र वाणावत ने भी काली को प्रोत्साहित किया। इसी परीक्षा में कोटड़ा क्षेत्र के 12 वर्षीय ईशान खान पुत्र इलियास खान ने भी सफलता हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।


काली तराल की कहानी इस संदेश को दोहराती है कि शिक्षा के प्रति इच्छाशक्ति और समर्पण किसी भी चुनौती से बड़ी होती है। यह प्रेरणादायी उदाहरण अन्य बेटियों और महिलाओं को भी यह विश्वास दिलाता है कि परिस्थितियां चाहे जैसी हों, मेहनत और दृढ़ निश्चय से सफलता अवश्य मिलती है।


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