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कांच, चीनी, मिट्टी, सरिया से बना दिए वाद्य यंत्र, गोल्डन बुक में नाम दर्ज

कलाकार नरेंद्र कुशवाह ने लगातार तीसरे वर्ष गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है।

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उज्जैन. आपने तरह-तरह के वाद्य यंत्र देखे और सुने होंगे, लेकिन उज्जैन में एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने अपनी कल्पना शक्ति के माध्यम से कांच, चीनी, मिट्टी, सरिया और न जाने किन-किन वस्तुओं से वाद्य यंत्र बना डाले। लगातार अथक परिश्रम के बूते आज वे इस मुकाम पर पहुंचे कि उन्हें गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में स्थान प्राप्त हुआ।

सामाजिक न्याय विभाग में कार्यरत
वाद्य यंत्रों के निर्माण में ख्याति प्राप्त कर चुके उज्जैन के कलाकार नरेंद्र कुशवाह ने लगातार तीसरे वर्ष गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। जिला पंचायत के सामाजिक न्याय विभाग में कार्यरत नरेंद्र कुशवाह विभिन्न पदार्थों से डमरू का निर्माण करते हैं।

कांच के सबसे बड़े नगाड़े का भी किया निर्माण
कुशवाह ने विश्व के सबसे बड़े कांच के नगाड़े का भी निर्माण किया है। कुशवाह अब तक कांच, चीनी, मिट्टी, सरिया, तार, पत्ती आदि से डमरू का निर्माण कर महाकाल मंदिर में दान कर चुके हैं। कुशवाह विगत तीन वर्षों से तीन भिन्न प्रकार के वाद्य यंत्रों का निर्माण के कारण गोल्डन बुक में अपना नाम दर्ज कराते आ रहे हैं।

पल्लवी किशन रूस में देंगी कथक की प्रस्तुति
उज्जैन. उज्जैन की वरिष्ठ नृत्यांगना डॉ. पल्लवी किशन ४ अक्टूबर को रूस के लिए रवाना होगी। वे यहां तरंग इंडियन कल्सर इंस्टीट्यूट में शास्त्रीय नृत्य की परीक्षक के रूप में आमंत्रित की गई है। यह पहला अवसर है कि उज्जैन में किसी नृत्य गुरु को रूस में परीक्षक के रूप में जाने का अवसर प्राप्त हुआ है। डॉ. किशन मॉस्को में तीन देश के परीक्षार्थियों को शास्त्रीय कथक नृत्य की परीक्षा लेंगी। इसके साथ ही ९ अक्टूबर को मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास सभागृह में आयोजित एक कार्यक्रम में कथक की प्रस्तुति भी देगी।

कोर्ट मार्शल नाट्य की प्रस्तुति कल
उज्जैन. अभिनव रंग मंडल द्वारा कोर्ट मार्शल नाट्य की प्रस्तुति शरद शर्मा के निर्देशन में गुरुवार को होगी। इस सम्बन्ध में एडीएम ने कालिदास अकादमी के निदेशक को पत्र भेजकर नाट्य प्रस्तुति के लिएस कालिदास अकादमी परिसर स्थित पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल 4 अक्टूबर की संध्या से 5 अक्टूबर तक आरक्षित कर समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।