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निगम की अनोखी पहल : गर्मी में पंछियों के लिए बनवाए पंछी घर, हर सावर्जनिक स्थल पर लगे

पछियों को उद्यानों में मिलेगा आब-ओ-दाना और आशियाना। पुरानी लकड़ियों से निगम ने बनवाए पछियों के लिए घरोंदे, उद्यानों लगाएंगे ताकि छांव के साथ भोजन-पानी मिल सकें।

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निगम की अनोखी पहल : गर्मी में पंछियों के लिए बनवाए पंछी घर, हर सावर्जनिक स्थल पर लगे

उज्जैन. मध्य प्रदेश के उज्जैनवासियों को भी इन पंछी घरों के जरिए पंछियों को उनका भोजन-पानी उपलब्ध करवाने की सुविधा मिल सकेगी। गर्मी में पंछियों को लकड़ी से बने घर देने का ये अच्छा जिम्मा नगर निगम ने उठाया है। निगम द्वारा पुरानी लकड़ियों का उपयोग करते हुए पक्षियों के लिए ऐसे स्टैंड बनाए जा रहे हैं, जिनमें बैठने के लिए छांव युक्त जगह के साथ ही दाना और पानी रखने की ट्रे भी उपलब्ध है। यह पंछी घर पंछियों के लिए तो गर्मी से बचाव के लिए बड़ी राहत हैं ही, क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ाने वाले भी हैं। निगम इन्हें शहर के ऐसे प्रमुख उद्यानों में लगाएगा, जहां पछियों का आना-जाना अधिक है।

पुरानी लकड़ियों का किया जा रहा इस्तेमाल

नगर निगम उद्यानी विभाग के पास बड़ी संख्या में कटे-उखड़े वृक्षों की लकड़ियां उपलब्ध रहती हैं। पंछियों के घर बनाने में इन्हीं लकड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। विभाग द्वारा इन लकड़ियों के पटीये बनावकर पंछी घर तैयार किए गए हैं। लकड़ी से बने होने के कारण अन्य पंछी घरों की तुलना में इन घरों में ठंडाई अधिक रहती है।

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पहले 10 लगाए, अब 50 नए घर बनवाए

निगम द्वारा कुछ महीने पहले ही पंछियों के लिए 10 स्टैंड बनवाए गए थे। इन्हें अटल उद्यान, नेहरू पार्क आदि स्थानों पर लगाया गया है। उपयोगी साबित होने और पंछियों को इनसे गर्मी में राहत मिलने के चलते अन्य उद्यानों में भी इन्हें लगाने का निर्णय लिया गया है। दूसरे चरण में निगम ने 50 नए स्टैंड तैयार करवाए हैं, जिन्हें विभिन्न प्रमुख उद्यानों में लगाया जाएगा। इसके बाद 40-50 और स्टैंड तैयार करवाए जाएंगे। ऐसे में शहर में करीब 100 पंछी घर लगाने की योजना है।


क्षेत्रवासी भी कर रहे हैं दाने-पानी की व्यवस्था

शुरुआत में निगम ने पंछियों के लिए 10 स्टैंड लगाए थे। इनमें दाना-पानी की व्यवस्था भी प्रारंभ में निगम द्वारा ही की गई थी, लेकिन कुछ दिन बाद क्षेत्रवासियों ने स्वत: आगे आकर ये जिम्मा उठाया। अब अधिकांश स्थानों पर पार्क में आने वाले लोगों द्वारा ही पंछियों के लिए दाना-पानी उपलब्ध किया जाता है। ऐसे में निगम की इस पहल से उन लोगों को भी नई सुविधा मिल गई है जो पशु-पंछियों को भोजन देने की इच्छा रखते हैं।

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