
गुप्त नवरात्रि का पर्व 10 फरवरी शनिवार से शुरू हो गया है। 9 दिनों तक साधक माता के दरबार में पहुंचकर मंत्रों की माला जपते हुए आराधना में लीन रहेंगे। ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास ने बताया कि वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं। इनमें दो गुप्त और दो प्रकट मानी जाती हैं। प्रकट नवरात्रि चैत्र और शारदीय कहलाती हैं। शहर के देवी मंदिरों में गुप्त नवरात्रि के दिनों में विशेष पूजा की जाएगी। खासकर हरसिद्धि, गढक़ालिका, चामुंडा, भूखी माता, चौबीस खंभा, चौसठ योगिनी, लालबाई-फुलबाई आदि मंदिरों में साधक अपनी सुविधानुसार जप-पूजा और अन्य विधियों से साधना में लीन रहेंगे।
दीप मालिकाओं से जगमगाएगा मां हरसिद्धि का दरबार देश के शक्तिपीठों में से एक माता हरसिद्धि के दरबार में दीपमालिकाएं प्रज्वलित कराने के लिए बुकिंग फुल हो गई है। दीपमालिकाएं एकल तथा सामूहिक रूप से प्रज्वलित की जाती हैं। नवरात्रि के लिए अब तक करीब 50 से अधिक श्रद्धालु नाम दर्ज करा चुके हैं। हरसिद्धि मंदिर भारत के प्राचीन स्थानों में से एक है, जो माता सती के 51 शक्तिपीठों में 13वां शक्तिपीठ कहलाता है। यहां की दीपमालाओं पर माता के भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार वर्षभर ज्योति प्रज्वलित कराते हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान दीप जलाने की होड मची रहती है।
हरसिद्धि मंदिर की तरह ही मां गढक़ालिका भी शक्तिपीठ कहलाता है। शासकीय महंत करिश्मा नाथ का कहना है गुप्त नवरात्रि के दिनों में मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ेगी। हर दिन माता का नया शृंगार किया जाएगा। ज्योति जलाई जाएगी। मां के भक्तों को प्रसादी वितरण की जाएगी। यहां पर भी श्रद्धालु अपनी ओर से दीपमालाएं जलवाते हैं।
नगरकोट की महारानी के मंदिर में गूंजेगी भागवत शिवपुराण
बुधवारिया में लगने वाले हाट-बाजार के समीप नगरकोट की महारानी का मंदिर है। यहां गुप्त नवरात्रि के पावन पर्व पर भागवत शिवपुराण व रामकथा का नव दिवसीय आयोजन किया जाएगा। प्रमुख वक्ता कथाव्यास महामंडलेश्वर स्वामी रामकृष्णाचार्य महाराज गुरु नरसिंहानंद धाम उज्जैन होंगे। कथा के आयोजनकर्ता नगरकोट महारानी महिला भक्त मंडल हैं। कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक रहेगा।
चामुंडा माता मंदिर में साधना के लिए हो रही बुकिंग
गुप्त नवरात्र का भी अधिक महत्व होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। पुजारी सुनील चौबे का कहना है कि 10 से 18 फरवरी तक गुप्त नवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। जो भी भक्त यहां आकर हवन, पूजन व दुर्गा सप्तशती का पाठ करवना चाहते हैं, तथा मातारानी का शृंगार करना चाहते हैं, तो कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
Updated on:
10 Feb 2024 01:05 pm
Published on:
10 Feb 2024 01:03 pm
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