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मलेशिया में सम्मानित हो चुके एमपी के किसान मोतीलाल, काले अंगूरों की खेती से दुनिया में नाम

MP Farmer Motilal Success Story: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के रुनीजा के किसान मोतीलाल की सक्सेस स्टोरी, मलेशिया में हो चुके सम्मानित, नवाचार से सिर्फ कमाई ही नहीं बढ़ी, दुनियाभर में चमका नाम

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MP Farmer Luck shine by Black Grapes Production

MP Farmer Luck shine by Black Grapes Production: किसान मोतीलाल के साथ टीम. (फोटो सोर्स: पत्रिका और सोशल मीडिया- Modified by patrika.com)

MP Farmer Motilal Success Story: खेती को लेकर आम धारणा है कि यह परंपरागत काम है, लेकिन तीतरी के मोतीलाल पाटीदार ने नवाचार से खेती को एक नई दिशा दी। वे प्रदेशभर के किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके हैं। मोतीलाल को यह विरासत उनके बड़े पापा अंबाराम पाटीदार से मिली। उन्होंने मटर, टमाटर और मिर्च जैसी फसलों के साथ प्रयोग किए। 1981 में महाराष्ट्र से अंगूर की बेल लाकर एक एकड़ में खेती शुरू की। 1998-99 तक आंकड़ा एक हजार एकड़ तक पहुंच गया, लेकिन आम अंगूर की खेती में लागत ज्यादा और लाभ कम होने से किसानों का रुझान कम होने लगा। ऐसे में अंबाराम ने महाराष्ट्र में किसानों को काले अंगूर की खेती करते देखा जो ज्यादा लाभकारी साबित हो रही थी। वर्ष २००५ में मोतीलाल ने १८ किसानों का समूह बनाकर काले अंगूर की खेती शुरू की।

मलेशिया में भी किए जा चुके समानित

मोतीलाल (MP Farmer Motilal Success Story) ने महाराष्ट्र की नीति का अध्ययन कर तत्कालीन मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, आबकारी मंत्री और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया। परिणामस्वरूप 2006 में अंगूर प्रसंस्करण नीति लागू की गई। खेती में नवाचार के कारण एमपी के उज्जैन के रुनिजा के मोतीलाल को भारत सरकार ने 2007 में सर्वश्रेष्ठ कृषक पुरस्कार से समानित किया। इसके अलावा बेस्ट फार्मर अवॉर्ड और मलेशिया में उद्योग श्रेणी का अंतरराष्ट्रीय समान भी मिल चुका है। थाई और वियतनामी अमरूद की भी खेती कर रहे हैं।