
MP news: उज्जैन नगर निगम का बड़ा एक्शन(फोटो: सोशल मीडिया)
MP News: नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने गुरुवार को आदेश जारी कर सीवरेज परियोजना का काम कर रही दिग्गज कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, मुंबई को तीन वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया। निगम आयुक्त ने स्पष्ट कहा, टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने काम में लगातार देरी की और उसे पूरा नहीं किया। कंपनी काम में जरूरी प्रोग्रेस हासिल करने में नाकाम रही, जिससे शहर के प्रचलित विकास कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। यह आदेश कंपनी को उज्जैन नगर निगम के साथ प्रदेश सरकार के सभी विभागों में तीन वर्षों तक किसी भी कार्य में हिस्सा लेने से रोकता है।
निगम ने शहर की सीवरेज व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए टाटा कंपनी को वर्ष 2017 में कार्य आदेश दिया था। कंपनी को यह परियोजना नवंबर 2019 तक पूर्ण करनी थी। निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के 6 वर्ष बीतने के बाद भी परियोजना अधूरी है। कार्य की गति इतनी धीमी है कि शहर के नागरिक लगातार परेशानियों का सामना कर रहे हैं। सड़क, पेयजल जैसी मूलभूत व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। टाटा के सीवरेज प्रोजेक्ट को लेकर कई वार्डो से शिकायतें मिल रही थीं। हाल ही में वार्ड 2 के पार्षद हेमन्त गहलोत ने भी स्तरहीन कार्य और सीवरेज का पानी चेम्बर से ओवरफ्लो होकर सड़कों पर फैलने की शिकायत की थी। अधिकारियों ने निरीक्षण कर इस पर नाराजगी भी जताई थी।
उज्जैन नगर निगम ने सीवरेज परियोजना को 6 वर्ष तक लटकाकर शहर को परेशानियों में झोंकने वाली टाटा कंपनी पर सख्त कार्रवाई की। तय समय सीमा नवंबर 2019 के बाद भी काम पूरा न होने, बार-बार नोटिस देने पर भी गति न बढ़ाने और सिंहस्थ 2028 की तैयारियों में बाधा डालने के आरोप में टाटा कंपनी को तीन वर्ष के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा के आदेश के बाद अब टाटा प्रदेश के किसी भी विभाग में काम नहीं कर सकेगी। धीमी रफ्तार, लापरवाही और लेटलतीफी ने शहर के विकास को ठप कर दिया है।
नगर निगम ने शहर की सीवरेज व्यवस्था बेहतर बनाने के उद्देश्य से टाटा को 2017 में कार्य आदेश जारी किया।
टाटा को नवंबर 2019 तक कार्य पूर्ण करके देना था।
कई रिमाइंडर और नोटिस देने के बावजूद काम की रफ्तार तेज करने में टाटा ने लापरवाही बरती।
25 अक्टूबर 2025 को संभागायुक्त, कलेक्टर एवं निगम आयुक्त ने अंतिम शोकाज नोटिस जारी किया।
10 नवंबर 2025 तक हर दिन 305 से ज्यादा हाउस सर्विस कनेक्शन और 500 मीटर पाइप बिछाने का टारगेट था।
सिंहस्थ 2028 के तहत सड़क चौड़ीकरण और स्पेशल असिस्टेंट के चल रहे कार्यों में भी धीमी परफॉर्मेंस रही।
टाटा की धीमी रफ्तार का सबसे गंभीर असर सिंहस्थ 2028 के तहत चल रहे विकास कार्यों पर पड़ रहा है। सीवरेज का काम पूरा न होने से सड़क चौड़ीकरण और अन्य विशेष असिस्टेंट के निर्माण कार्य विभिन्न स्थानों पर रुके हुए हैं, जो सिंहस्थ की तैयारियों में बड़ी रुकावट पैदा कर रहा है। निगम प्रशासन का कड़ा कदम स्पष्ट संकेत है कि विकास कार्यों में लापरवाही और लेटलतीफी को अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, खासकर तब जब उज्जैन सिंहस्थ की ओर अग्रसर है।
उज्जैन नगर निगम और पीडीएमसी (परियोजना सलाहकार) के बार-बार रिमाइंडर और नोटिस देने के बावजूद टाटा ने कार्य की रफ्तार नहीं बढ़ाई। 25 अक्टूबर 2025 को संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और निगम आयुक्त ने साइट निरीक्षण किया। संयुक्त निरीक्षण के बाद कंपनी को अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी किया। कंपनी को 10 नवंबर 2025 तक प्रतिदिन 305 से अधिक हाउस सर्विस कनेक्शन और 500 मीटर पाइप बिछाने का लक्ष्य दिया। कंपनी इसे भी पूरा करने में विफल रही।
Updated on:
21 Nov 2025 10:07 am
Published on:
21 Nov 2025 10:06 am
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