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एमपी में बड़ा बदलाव, भोपाल की जगह बनी नई धार्मिक राजधानी, शिफ्ट हुए अफसर

MP religious department Ujjain

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MP's religious department will run from the religious city of Ujjain

MP's religious department will run from the religious city of Ujjain

MP religious department will run from the religious city Ujjain मध्यप्रदेश में प्रशासनिक दृष्टि से बड़ा बदलाव हुआ है। भोपाल की जगह महाकाल की नगरी उज्जैन प्रदेश की नई धार्मिक राजधानी बन गई है। प्रदेश का धर्मस्व विभाग अब धर्मनगरी उज्जैन से ही चलेगा। धर्मस्व विभाग का प्रादेशिक कार्यालय भोपाल से शिफ्ट होकर उज्जैन में चालू हो गया है। सोमवार को सीएम मोहन यादव ने इसका विधिवत शुभारंभ किया। इसके साथ ही धर्मस्व विभाग के वरिष्ठ अफसर भी उज्जैन शिफ्ट हो गए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के भवन में धर्मस्व विभाग के राज्य कार्यालय का उद्घाटन किया।
उज्जैन के स्मार्ट सिटी के कार्यालय में धर्मस्व विभाग का मुख्य प्रादेशिक ऑफिस बनाया गया है जहां से अब प्रदेश के सभी मंदिरों का प्रबंधन का काम किया जाएगा।

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धर्मस्व विभाग उज्जैन शिफ्ट किए जाने के मौके पर सीएम मोहन यादव ने अपने एक्स हेंडल पर पोस्ट डाली। सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा—
मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि आज के दिन नया अध्याय लिखा जा रहा है, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व संचालनालय का कार्यालय उज्जैन में खोला जा रहा है।

बाबा महाकाल के महालोक की तरह सलकनपुर, ओरछा, दतिया और ओंकारेश्वर के देव स्थानों पर विकास के नए कार्य किए जाएंगे।

मंदिर से जुड़ी हुईं देव स्थानों का भूमि अलग-अलग स्थानों पर हैं, इन भूमियों का बेहतर प्रबंधन हो, इसके लिए यह कार्यालय बड़ी भूमिका अदा करेगा।

संचालनालय का कार्यालय खुलने के साथ हमने निर्णय किए हैं कि भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के चरण प्रदेश के जिन स्थानों पर पड़े हैं, वे स्थान तीर्थ के रूप में विकसित करेंगे।

बता दें कि 1 जुलाई को ही प्रदेश के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के मुख्यालय को राजधानी भोपाल से उज्जैन स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी कर दी गई थी। तब उज्जैन संभागायुक्त संजय गुप्ता को विभाग का संचालक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

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प्रदेश का धर्मस्व विभाग राज्य में धर्म और मंदिर संबंधित सभी मुद्दों की मानीटरिंग करता है। विभाग का सालाना बजट 100 करोड़ रुपए का है। प्रदेश में मंदिरों के जीर्णोद्धार, पुजारियों की नियुक्ति और मानदेय वितरण का काम भी धर्मस्व विभाग ही करता है। इसके साथ ही मप्र में धर्मशाला का निर्माण भी विभाग कराता है। धर्मस्‍व विभाग प्रदेश के सभी तीर्थ-स्थलों और प्रसिद्ध मेलों के लिए अनुदान देता है।