
उज्जैन। शहर के प्रथम नागरिक चुने गए महापौर मुकेश टटवाल (Ujjain Mayor mukesh tatwal) जल्द से जल्द पदभार संभालना चाहते हैं। उनका मानना है, शहर में कई मुद्दे हैं, जिन पर काम करना है। उन्होंने पद संभालने के पहले सप्ताह में श्रावण मास में महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर फोकस करना तय किया है।
यह बात उन्होंने सोमवार को पत्रिका कार्यालय (ujjain Patrika office) में कही। महापौर पद पर विजयी होने के बाद ‘पत्रिका’ से रूबरू होकर वह बोले, उन्होंने शहर के लिए एक सपना देखा है। उसे पूरा करने में जुट भी गए हैं। उन्होंने वादा दोहराया कि शहर को वैश्विक धार्मिक पर्यटन नगरी बनाएंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं जुटाएंगे। शहर की समस्याएं, रोजगार, पर्यटन और राजनीतिक रूप से सामंजस्य बनाने जैसे मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।
पत्रिका टीम से उनकी बातचीत के प्रमुख अंश...
पत्रिका- बाबा महाकाल की नगरी में आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं।
जवाब- मैं जल्द से जल्द चार्ज लेकर काम शुरू करना चाहता हूं। सबसे पहले शहर के हर वार्ड को करीब से देखना चाहता हूं। जो कमियां हैं, उन्हें नजदीक से देखकर दूर करूंगा। शहर के धार्मिक स्थलों के पास अतिक्रमण उनकी सुंदरता खत्म कर रहे हैं, उन्हें हटाएंगे। मेरा मकसद अतिक्रमण हटाने के नाम पर बेरोजगार करना नहीं है। हम उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराएंगे।
पत्रिका-पद संभालने के पहले सप्ताह में क्या करना चाहते हैं।
जवाब- पद संभालते ही मैं श्रावण मास में देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए काम करूंगा। श्रद्धालुओं के लिए आसान पहुंच मार्ग, मंदिर में प्रवेश, पार्किंग व अन्य सुविधाएं जो निगम के माध्यम से उपलब्ध कराऊंगा।
पत्रिका- शहर में जलभराव की समस्या है, 4 साल बाद भी सीवरेज प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया?
जवाब- मैं शहर को एक बार अपनी नजरों से देख लूं। इसके बाद काम शुरू करूंगा। सीवरेज प्रोजेक्ट को लेकर तो मैं भी कंफ्यूज हूं। अब अवसर मिला है, इसे समझेंगे। जिस काम को सरकार ने दिया, वह नहीं होता है तो कार्रवाई होनी चाहिए।
पत्रिका- आवारा मवेशी की समस्या को दूर करने की क्या योजना है।
जवाब- शहर में आवारा मवेशी के साथ सूअर भी बड़ी समस्या है। इस मसले पर मैं इनके मालिकों के साथ बैठक करूंगा। उनसे ही पूछेंगे कि कैसे समस्या को दूर करें। इसके बाद आगे का कदम उठाएंगे।
सवाल- विकास कार्यों में संगठन, विधायक, सांसद और मंत्री से सामंजस्य कैसे बिठाएंगे।
जवाब- मेरा मानना है, हम एक पार्टी के लोग हैं, एक विचार को लेेकर काम कर रहे हैं। यह शहर आपका भी है, मेरा भी है। जब सब लोग एक साथ शहर के बारे में सोचेंगे तो सामंजस्य बन जाएगा। ऐसे में टकराव नहीं आएगा। मेरा कहना है, आप सब काम करो, नाम करो, मैं तो सेवा करने आया हूं।
पत्रिका- महाकालेश्वर मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं, मंदिर एक प्रयोगशाला हो गया है?
जवाब- मैं मंदिर की व्यवस्था से वाकिफ हूं। मैंने सामान्य जीवन में मंदिर में धक्के खाए हैं। मैंने श्रद्धालुओं के दर्द को महसूस किया है। मैं जो परेशानी जानता हूंस उसे पहले ठीक करूंगा। मेरे काम को आप देखेंगे, आप इंतजार कीजिए।
पत्रिका- चुनाव में शहर को धार्मिक पर्यटन के रूप विकसित करने का वादा किया, कैसे पूरा करेंगे।
जवाब- मैंने शहर को महज धार्मिक पर्यटन नहीं बल्कि विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन वाला शहर बनाने की बात कही है। मेरी जो सोच है, उसे इस तरह से देेखें कि शहर को गोवा की तरह विकसित नहीं करना है बल्कि आध्यात्म की तर्ज पर विकसित करना है। श्रद्धालु यहां जिस भावना से आएं, उसे वह मिलना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे।
पत्रिका- आपने शुरू से महापौर बनने का सपना देखा था, जो साकार हो गया। शहर विकास के लिए क्या सपना देखा है?
शहरवासी बोले जय श्री महाकाल
मैंने शहर के लिए एक सपना देखा है। मैंने इसकी शुरुआत कर दी है। हमारा शहर अनुभूति का शहर है, इसलिए सबसे पहले मैंने अभिवादन में जय श्री महाकाल बोलना शुरू किया है। मेरी सभी से अपेक्षा है, उज्जैनवासी होने के नाते जय श्री महाकाल बोलकर अभिवादन करें। इससे हमारी पहचान बनेगी। बाबा महाकाल और जनता के आशीर्वाद से शहर को नंबर वन बनाना है। मैं विकास के लिए बहुत जल्दी में हूं, लेकिन हड़बड़ी में नहीं हूं। मेरा दायरा अब तक संगठन स्तर पर था अब जनप्रतिनिधि बना हूं। काम का बेस तैयार कर लूं फिर काम शुरू करूंगा।
Published on:
19 Jul 2022 11:27 am
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