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सिंहस्थ 2028 को लेकर बड़ा फैसला, अब इन पौराणिक मंदिरों का भी होगा विकास

MP News- मेला अधिकारी आशीष सिंह ने सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। वहीं, किसान संघर्ष समिति ने 23000 करोड़ की लैंड पूलिंग की योजना का विरोध किया है।

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Ujjain Simhastha 2028 84 Mahadev Ashta Bhairav temples mp news

Ujjain Simhastha 2028 84 Mahadev Ashta Bhairav temples (फोटो- सीएम मध्य प्रदेश एक्स हैंडल)

Ujjain Simhastha 2028: सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह ने गुरुवार को शहर पहुंच सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा, 84 महादेव का विशेष महत्व है। इसलिए 84 महादेव मंदिरों के विकास की कार्य योजना तैयार की जाए। सिंह ने अष्ट भैरव मंदिरों के विकास की योजना बनाने का भी कहा। साथ ही शिप्रा आरती को और भव्यवता देने की बात कही है।

बैठक में आशीष सिंह ने निर्देश दिए की सिंहस्थ 2028 के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें। सभी कार्यों की मॉनिटरिंग लगातार करते रहें। सभी निर्माण एजेंसी तय करे कि समयबद्ध तरीके से सभी काम संचालित किए जाए। किसी भी कार्य में यदि देरी हो रही है तो उससे कलेक्टर को अवगत कराएं ताकि जिससे कार्य की गति प्रभावित ना हो। कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने बताया कि सभी निर्माण कार्य लगातार चल रहे हैं। जो कार्य अभी स्वीकृत हुए हैं उनकी टेंडरिंग प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई है। (MP News)

पंवासा व चिंतामण पर फुट ओव्हर ब्रिज बनेंगे

कलेक्टर ने जानकारी दी, रेलवे द्वारा मुख्य स्टेशन के दोनों और अंतिम छोर पर फुट ओवर ब्रिज भी बनाया जाना है। इसी के साथ नई खेड़ी, पंवासा और चिंतामण रेलवे स्टेशनों के पहुंच मार्ग बनाए जाने की कार्य योजना भी तैयार की जा चुकी है। शनि मंदिर से श्री चिंतामन गणेश मंदिर तक 5 किलोमीटर के फोर लैन रोड निर्माण की डीपीआर भी बनाई जा रही है। उज्जैन महाकाल मंदिर के चारों ओर और भव्य रूप देने मां शिप्रा से श्री महाकाल मंदिर तक के मार्गों के चौड़ीकरण कार्यों पर भी चर्चा की है।

लैंड पुलिंग 23 हजार करोड़ का अपव्यय

सिंहस्थ-2028 के लिए उज्जैन में लैंड पूलिंग की योजना है। किसान संघर्ष समिति (Kisan Sangharsh Samiti) ने इसे दमनकारी और किसानों के हित के विपरीत बताया है। संध के अनुसार, सिंहस्थ महाकुंभ 12 वर्ष में एक बार लगता है लेकिन उज्जैन विकास प्राधिकरण की इस योजना से किसानों की आमदनी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। करीब 5 हजार किसान प्रभावित होंगे और उनके आश्रित लगभग 35 से 40 हजार परिजन का आसरा छिन जाएगा। सिंहस्थ किसान संघर्ष समिति ने योजना से 23 हजार करोड़ रुपए का अपव्यय होने का भी कहा है।