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Nawabganj Flyover Construction: नवाबगंज में बनेगा ओवरब्रिज, 62 भवनों पर लाल निशान, जारी हुआ आदेश

Nawabganj Flyover Work to Begin Soon: कानपुर-लखनऊ हाईवे के ब्लैक स्पॉट नवाबगंज में करीब 60 करोड़ रुपये की लागत से सात सौ मीटर लंबा ओवरब्रिज बनने जा रहा है। एनएचएआई ने 62 भवनों का चिह्नांकन कर नोटिस जारी कर दिए हैं। 15 दिन में निर्माण न हटाने पर प्राधिकरण खुद कार्रवाई करेगा।

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भवनों पर लाल निशान – 60 करोड़ की परियोजना पर तेजी से काम शुरू फोटो सोर्स : Social Media

भवनों पर लाल निशान – 60 करोड़ की परियोजना पर तेजी से काम शुरू फोटो सोर्स : Social Media

Nawabganj Flyover: कानपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। इस हाईवे के प्रमुख ब्लैक स्पॉट में शामिल नवाबगंज कस्बे के सामने जल्द ही करीब 60 करोड़ रुपये की लागत से सात सौ मीटर लंबा ओवरब्रिज बनने जा रहा है। परियोजना की स्वीकृति के बाद अब निर्माण कार्य के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने जमीन साफ करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

भवनों का चिन्हांकन और नोटिस जारी

ओवरब्रिज निर्माण की जद में आने वाले लगभग 62 भवनों की पहचान की जा चुकी है। इन भवनों पर लाल निशान लगा दिए गए हैं। किसी का मकान पाँच फीट तो किसी का बीस फीट तक इस परियोजना की सीमा में आ रहा है। एनएचएआई ने स्वामियों को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर स्वयं निर्माण हटाने को कहा है। चेतावनी दी गई है कि समय सीमा के बाद प्राधिकरण स्वयं कार्रवाई करेगा। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या या आपत्ति है, वे विभागीय कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। सभी वैध आपत्तियों का निस्तारण पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।

दुर्घटनाओं से राहत की उम्मीद

कानपुर-लखनऊ हाईवे (एनएच-27) की 82 किलोमीटर लंबी दूरी पर कई दुर्घटना बाहुल्य स्थल (ब्लैक स्पॉट) हैं। इन स्थानों पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों में लगातार यह मुद्दा उठाया गया, जिसके बाद जिलाधिकारी गौरांग राठी ने एनएचएआई को विस्तृत कार्ययोजना बनाकर सुधार करने के निर्देश दिए थे। जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित संयुक्त समिति ने हाईवे पर कुल 16 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए थे। इनमें पाँच स्थान ऐसे निकले, जहां बड़े ढांचागत सुधार की आवश्यकता थी , जैसे पुल, फुट ओवरब्रिज और सर्विस रोड का निर्माण। इन्हीं पांच में नवाबगंज भी शामिल है।

नवंबर-दिसंबर में निर्माण की तैयारी

एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार, भवनों के मामले का निस्तारण होते ही अगले दो से तीन महीने के भीतर ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अनुमान है कि नवंबर या दिसंबर तक यह परियोजना धरातल पर उतरना शुरू हो जाएगी। अवर अभियंता प्रदीप कुमार के अनुसार, “नवाबगंज में प्रस्तावित ओवरब्रिज का निर्माण जल्द शुरू कराया जाना है। 62 भवनों का चिन्हांकन कर नोटिस जारी किए जा चुके हैं। 15 दिन में स्थायी या अस्थायी निर्माण न हटाने पर प्राधिकरण खुद कार्रवाई करेगा।”

यातायात होगा सुरक्षित और सुगम

नवाबगंज कस्बे के सामने हाईवे पर एक प्रमुख तिराहा है। यहाँ से न सिर्फ कस्बे का मुख्य मार्ग गुजरता है, बल्कि ब्लॉक कार्यालय और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) भी हाईवे से सटे हुए हैं। इस वजह से वाहन और पैदल यात्री दोनों के लिए खतरा बढ़ जाता है। पुल बनने के बाद यहाँ यातायात सुचारू और सुरक्षित हो जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। ओवरब्रिज निर्माण से न केवल जान-माल की हानि रुकेगी बल्कि हाईवे का यातायात भी तेज और व्यवस्थित हो जाएगा।

सड़क सुरक्षा पर बड़ा कदम

कानपुर-लखनऊ हाईवे पर जाजमऊ से लेकर लखनऊ तक कुल 82 किलोमीटर की दूरी में पाँच प्रमुख ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए थे, जहाँ औसतन रोजाना कोई न कोई हादसा होता है। डीएम गौरांग राठी के निर्देश के बाद एनएचएआई ने इन ब्लैक स्पॉट को प्राथमिकता से सुधारने की कार्ययोजना बनाई। इस कार्ययोजना के तहत जहाँ छोटे सुधार कार्य (जैसे रिफ्लेक्टर, साइन बोर्ड, रोड मार्किंग) तुरंत कराए जा रहे हैं, वहीं बड़े सुधार कार्य (जैसे ओवरब्रिज या सर्विस रोड) के लिए बजट स्वीकृति और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज की गई है।

लाल निशान का मतलब क्या है?

चिह्नांकन के तहत लाल निशान का अर्थ है कि भवन या उसका हिस्सा परियोजना की सीमा में आता है और भविष्य में उसे हटाना आवश्यक है। नोटिस मिलने के बाद स्वामी को अपने निर्माण को स्वयं हटाने का अवसर दिया जाता है, ताकि बाद में बलपूर्वक कार्रवाई न करनी पड़े।

लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय निवासियों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली है। जिनके भवन इस परियोजना की जद में आ रहे हैं, उन्होंने मुआवज़े और वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है। वहीं कस्बे के अधिकांश लोग ओवरब्रिज निर्माण को लेकर उत्साहित हैं। उनका कहना है कि इससे कस्बे और हाईवे दोनों का यातायात व्यवस्थित होगा और हादसों की संख्या घटेगी।

आगे की राह

एनएचएआई के इंजीनियरों के अनुसार, परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) स्वीकृत हो चुकी है और निर्माण के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी होते ही निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी। निर्माण कार्य को एक निर्धारित समय सीमा में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि जनता को शीघ्र लाभ मिल सके।