
योगी कैबिनेट ने प्रदेश में उच्च शिक्षा को दी नई दिशा, लिए गए दो महत्वपूर्ण फैसले
Cabinet Decision: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में उच्च शिक्षा को लेकर दो बड़े फैसले लिए गए। इनमें 71 नवनिर्मित/निर्माणाधीन महाविद्यालयों को राजकीय दर्जा देने और बिजनौर में विवेक विश्वविद्यालय के गठन को मंजूरी दी गई। ये निर्णय न केवल प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को बढ़ावा देंगे बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश में संचालित 171 राजकीय महाविद्यालयों में अब 71 और नए महाविद्यालय शामिल हो जाएंगे। ये सभी महाविद्यालय अब प्रदेश सरकार के अधीन राजकीय महाविद्यालयों के रूप में संचालित होंगे। पहले इनका संचालन संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा किया जाता था, लेकिन कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा संचालन में असमर्थता व्यक्त करने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया।
सभी 71 महाविद्यालयों में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की जगह अब स्थाई सरकारी पद होंगे।
सृजित पदों की संख्या
71 प्राचार्य
1,136 सहायक आचार्य (प्रत्येक महाविद्यालय में 16 पद)
639 क्लास-3 पद
710 क्लास-4 पद
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे: हजारों युवाओं के लिए सरकारी नौकरियां सृजित होंगी।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी: राजकीय व्यवस्था से महाविद्यालयों में संसाधनों की उपलब्धता और प्रशासन बेहतर होगा।
बिजनौर में खुलेगा विवेक विश्वविद्यालय
मंत्रिमंडल ने बिजनौर में विवेक विश्वविद्यालय के संचालन को भी मंजूरी दी है। इससे उत्तर प्रदेश में एक और निजी विश्वविद्यालय की शुरुआत होगी, जो न केवल शिक्षा में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा बल्कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा।
पिछले दो वर्षों में प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने शानदार प्रदर्शन किया है:
7 विश्वविद्यालय नैक (NAAC) ग्रेड ए++ में।
4 विश्वविद्यालय नैक ग्रेड ए+ में।
6 निजी विश्वविद्यालय नैक ग्रेड ए+ में।
4 निजी विश्वविद्यालय नैक ग्रेड ए में।
हर जिले में विश्वविद्यालय का लक्ष्य
योगी सरकार का उद्देश्य अगले 5 वर्षों में प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक विश्वविद्यालय स्थापित करना है, जिससे हर छात्र को घर के पास उच्च शिक्षा के अवसर मिल सकें।
स्थाई सरकारी पद सृजित होने से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
राजकीय प्रबंधन से शिक्षा का स्तर और प्रशासनिक व्यवस्था दोनों में सुधार होगा।
हर जिले में विश्वविद्यालय खोलने से ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में भी उच्च शिक्षा सुलभ होगी।
निजी विश्वविद्यालयों के आने से सरकारी और निजी संस्थानों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जो समग्र शिक्षा प्रणाली को मजबूत करेगी।
71 नवनिर्मित महाविद्यालयों को राजकीय दर्जा
अब सभी पद (प्राचार्य से लेकर क्लास-4 तक) सरकारी होंगे।
यह नया निजी विश्वविद्यालय क्षेत्र में उच्च शिक्षा के स्तर को बढ़ाएगा।
नए पदों के सृजन से हजारों युवाओं को सरकारी नौकरी मिलेगी।
उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय अब राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं।
अगले 5 वर्षों में हर जिले में कम से कम एक विश्वविद्यालय।
Published on:
22 Nov 2024 10:59 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
