
Barnam ban Drama
वाराणसी. शहर के रंगमंच की पहचान और समृद्ध होने वाली है। रुपवाणी रंग समूह के नाटक बरनम वन को एशिया के सबसे बड़े और दुनिया के तीसरे बड़े थियेटर महोत्सव में दिखाया जायेगा। भारत रंग महोत्सव के नाम से होने वाले इस नाटक का मंचन जनवरी व फरवरी में होगा।
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भारत रंग महोत्सव का आयोजन प्रति वर्ष जनवरी व फरवरी में दिल्ली के साथ देश के पांच महानगरों में किया जाता है। किसी नाटक का यहा के लिए चयन होने से पहले कड़ी स्क्रीनिंग से गुजरना पड़ता है। दो चरणों की स्क्रीनिंग में देश भर के एक हजार नाटक में से 56 सर्वश्रेष्ठ नाटक का चयन होता है। इसके अतिरिक्त दस नाटक का चयन अमेरिका, रुस, हंगरी, इटली आदि देशों से होता है। वर्ष 2016 में भी रुपवाणी के नाटक शक्तिपूजा का चयन हुआ था यह बनारस का पहला ऐसा नाटक था जिसका चयन किया गया था।
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नाटक के निदेशक व्योमकेश शुक्ल ने बताया कि शेक्सपियर की कृति मैकबेथ का रघुवीर सहाय द्वारा अनुवाद पर ही बरनम वन नाटक आधारित है। नाटक में वीर योद्धा की बिल्कुल अलग कहानी है। लालच और महत्वकांक्षा के चक्कर में योद्धा बहुत आगे निकल जाता है। योद्धा की लड़ाई, लालच, षडयंत्र, धोखे और हत्या की बुनी इस कहानी को बनारस के क्लासिक अंदाज में मंचन किया गया है। उन्होंने बताया कि रुपवाणी के 15 अभिनेता प्रतिदिन पांच घंटे अभ्यास कर रहे हैं, जिससे नाटक का दमदार मंचन किया जा सके। नाटक में किरदार अश्विनी, मैकबेथ, तापस, लेडी मैकब्रेथ, स्वाति, बैंको आदि है। नाटक का चयन भारत रंग महोत्सव में होने से कलाकारों का उत्साह चरम पर पहुंच चुका है और वह महोत्सव में अपनी छाप छोडऩे को बेकरार है।
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Published on:
14 Nov 2019 06:39 pm
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