सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकार गठन के साथ ही चुनावी वायदों को पूरा करना शुरू कर दिया है। किसानों की कर्ज माफी का जो वायदा किया गया था वह पूरा किया जा रहा है, लेकिन छात्रों को लैपटाप व फ्री डाटा का मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया है। सपा सरकार के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने ही छात्रों को लैपटाप बांटने की योजना शुरू की थी और उनकी सरकार गठन होने के साल भर के अंदर लैपटाप वितरण शुरू हो गया था। सीएम योगी सरकार में लैपटाप वितरण को लेकर किसी तरह की चर्चा तक नहीं हो रही है न तो किसी तरह का आश्वासन दिया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि नगर निगम चुनाव बीजेपी जीत भी जाती है तो कब प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर फ्री वाई फाई की सुविधा मिलेगी।
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युवा वर्ग में बढ़ी नाराजगी तो पार्टी को उठाना पड़ सकता नुकसान
लैपटाप वितरण कार्यक्रम में जितनी देरी होगी। उतना ही युवा वर्ग में नाराजगी बढ़ती जायेगी। युवा वर्ग नाराज हुआ तो बीजेपी को भविष्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है। वर्ष २०१४ में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी की लहर के चलते बीजेपी को पहली बार केन्द्र में पूर्ण बहुमत बना है। उस समय यूपी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने कहा था कि लैपटाप हमने दिये थे और उस पर चुनाव प्रचार बीजेपी का हुआ। ऐसे में यह कहना गलत नहीं है कि लैपटाप की ताकत बीजेपी जानती है और युवाओं को आज भी लैपटाप व फ्री डाटा का इंतजार है।
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लैपटाप वितरण कार्यक्रम में जितनी देरी होगी। उतना ही युवा वर्ग में नाराजगी बढ़ती जायेगी। युवा वर्ग नाराज हुआ तो बीजेपी को भविष्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है। वर्ष २०१४ में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी की लहर के चलते बीजेपी को पहली बार केन्द्र में पूर्ण बहुमत बना है। उस समय यूपी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने कहा था कि लैपटाप हमने दिये थे और उस पर चुनाव प्रचार बीजेपी का हुआ। ऐसे में यह कहना गलत नहीं है कि लैपटाप की ताकत बीजेपी जानती है और युवाओं को आज भी लैपटाप व फ्री डाटा का इंतजार है।
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