कांग्रेस ने इलाहाबाद मेयर पद के चुनाव में बीजेपी के लिए ऐसा चक्रव्यूह तैयार कर दिया है, जिसे भेदना बीजेपी के लिए भी आसान नहीं होगा। बीजेपी की बड़ी ताकत आरएसएस को माना जाता है और आरएसएस का बड़ा नेता ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ जाये तो सारे समीकरणों के ध्वस्त होना लाजिमी है। इलाहाबाद में विजय मिश्रा को आरएसएस का बड़ा नेता माना जाता था। ब्राह्मणों के साथ व्यापारी वर्ग के बड़े नेता विजय मिश्रा लगभग २५ साल तक संघ व बीजेपी के कार्यकर्ता थे। वर्ष २०१७ की बात की जाये तो विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष केशरीनाथ त्रिपाठी के शहर पश्चिमी की सीट से बीजेपी के दमदार प्रत्याशी थे, लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था इसकी जगह दलबदल करके आये नंद गोपाल नंदी को प्रत्याशी बना दिया गया था, जिससे विजय मिश्रा ने बीजेपी से नाराजगी जाहिर की थी और बीजेपी व आरएसएस से किनारा कर लिय था। इसके बाद विजय मिश्रा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने अपनी पार्टी के सभी विरोधों को दरकिनार करते हुए विजय मिश्रा को मेयर का प्रत्याशी बना कर बीजेपी के घेमे में बड़ी सेंधमारी कर दी है।
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बीजेपी के मेयर प्रत्याशी अभिलाषा गुप्ता से होगा विजय मिश्रा का मुकाबला
बीजेपी की मेयर प्रत्याशी अभिलाषा गुप्ता से कांग्रेस के विजय मिश्रा का मुकबाला होगा। अभिलाषा गुप्ता निर्वतमान मेयर है। कांग्रेस के पास इतने दमदार प्रत्याशी नहीं थे जो बीजेपी के कड़ी टक्कर दे सकते थे इसलिए कांग्रेस ने बड़े आरएसएस के नेता को मैदान में उतार कर सटीक दांव खेला है। कांग्रेस को ब्राह्मणों के साथ व्यापारी वर्ग का वोट मिल सकता है। इस वोट बैंक पर अभी तक बीजेपी का कब्जा था। अब देखना है कि कांग्रेस का दांव कितना काम आता है।
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